कर्ण मिश्रा, ग्वालियर. झुंडपुरा कॉलेज सम्बद्धता फर्जीवाड़े के बाद ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी एक और बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. यह फर्जीवाड़ा निजी कॉलेजों की मान्यता से जुड़ा है. कलेक्टर ने इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट उच्च शिक्षा विभाग को भेजेंगी.
दरअसल, नैक से A++ का तमगा हासिल कर चुकी ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी में लगातार काले कारनामे उजागर हो रहे है. झुंडपुरा के शिवशक्ति कॉलेज में फर्जी प्रिंसिपल नियुक्ति का खुलासा होने के बाद जीवाजी विश्वविद्यालय खुद पर लगे दाग को छुपाने में जुट गया है. ऐसे में विश्विद्यालय द्वारा सम्बद्धता लेने वाले सभी कॉलेजों को नोटिस जारी किए गए हैं.
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कॉलेजों से उनके बैंक स्टेटमेंट और प्रिंसिपल शिक्षक की जानकारी मांगी गई है, जिसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए. 373 निजी कॉलेजों में सिर्फ 14 प्राचार्य और 31 शिक्षक होने की पुष्टि हुई है. जबकि 359 कॉलेजों ने जानकारी ही नहीं दी है. ऐसे में लाखों छात्रों के भविष्य के साथ बड़ा खिलवाड़ देखने मिला है.
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- झुंडपुरा के शिवशक्ति कॉलेज में फर्जी प्रिंसिपल की नियुक्ति का खुलासा हुआ
- EOW ने शिकायत की जांच के बाद विश्विद्यालय के कुलगुरु सहित 19 प्रोफेसरों पर सम्बद्धता फर्जीवाड़े में FIR दर्ज की
- विश्विद्यालय ने सम्बद्धता लेने वाले कॉलेजो को नोटिस जारी कर प्रिंसिपल, शिक्षक सहित अन्य जानकारी मांगी
- 373 कॉलेजो ने जानकारी विश्विद्यालय को दी
- 373 निजी कॉलेजों में सिर्फ 14 प्रिंसिपल और 31 शिक्षक होने की पुष्टि हुई
- 359 कॉलेजो ने जानकारी ही नही भेजी
- संबद्धता देने से पहले जीवाजी विश्वविद्यालय के उड़ानदस्तो ने नहीं की कॉलेज की जांच
- कॉलेज ने नियुक्तियों का अनुमोदन भी नहीं कराया
- निजी कॉलेजों को सुंदरता जारी करने में सिर्फ इंटरव्यू लिए गए नियुक्ति नहीं की गई
- विश्वविद्यालय को हर साल परिनियम 28/17 के तहत निजी कॉलेजों में शिक्षकों और प्राचार्य की नियुक्ति करने के लिए संबद्धता जारी करने से पहले इंटरव्यू करना होता है एक्सपर्ट कमेटी इंटरव्यू करती है, लेकिन सांठगांठ कर नियम को ताक पर रखा गया
- कॉलेज में प्राचार्य और शिक्षकों की जॉइनिंग सिर्फ कागजों में होती है,कॉलेजो का असली फर्जीवाड़ा यहीं से शुरू होता है
- कॉलेज की जांच के लिए गठित टीम ने बीते 7 महीने में सिर्फ एक कॉलेज का निरीक्षण किया
इस मामले में कलेक्टर रुचिका चौहान का कहना है कि उच्च शिक्षा विभाग के एसीएस द्वारा निर्देश दिए गए थे कि जिले के सभी कॉलेजों की जांच के लिए कमेटी का गठन किया जाए. ऐसे में अब जांच के बाद रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी.इसकी कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
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