हेमंत शर्मा, इंदौर. पद्मश्री से सम्मानित गायक कैलाश खेर ने इंदौर प्रवास के दौरान Lalluram.Com से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने अपने प्रसिद्ध गाने “चलो कुंभ चले” को गाकर दर्शकों का मन मोह लिया. उन्होंने बताया कि उनके गाने भारतीय सभ्यता और संस्कृति की गहराई को दर्शाते हैं.

कैलाश खेर ने कहा, ‘हमारे गाने हम खुद लिखते और कंपोज करते हैं. भारत की संस्कृति और जीवनशैली अत्यंत समृद्ध है. जब भी कोई बड़ा महोत्सव या धार्मिक आयोजन होता है, परमात्मा की प्रेरणा से हमारे अंदर नए गानों का सृजन होता है. महाकुंभ जैसे अवसर मानव जाति के कल्याण के लिए होते हैं. हमारा जीवन दर्शन ही ‘ओम सेवा भवतु’ है, जो हमें दूसरों की भलाई के लिए जीने की प्रेरणा देता है.’

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महाकुंभ के लिए खास गाना

कैलाश खेर ने ‘चलो कुंभ चले’ गाने का जिक्र करते हुए कहा कि यह गीत लोगों के अवचेतन को जागृत करता है. उन्होंने बताया कि यह गीत 144 वर्षों के बाद महाकुंभ के शुभ आयोजन की महिमा को उजागर करता है.

महाशिवरात्रि पर प्रयागराज में लाइव कॉन्सर्ट

गायक ने बताया कि आगामी महाशिवरात्रि पर प्रयागराज में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम की क्लोजिंग में उनका लाइव कॉन्सर्ट होगा.

2028 में इंदौर महाकुंभ पर उम्मीदें

कैलाश खेर ने इंदौर में 2028 में आयोजित होने वाले महाकुंभ पर भी उत्साह व्यक्त किया. उन्होंने महाकाल मंदिर और उज्जैन से अपने जुड़ाव का जिक्र करते हुए कहा, ‘महाकाल मंदिर का जीवन उद्धार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देखरेख में हुए इसके विमोचन का हिस्सा बनना मेरे लिए गौरवपूर्ण था. मुझे उम्मीद है कि मध्य प्रदेश शासन के साथ जुड़ाव से महाकुंभ में कुछ नया और विशेष होगा.’

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