मुंबई में फिल्म इमरजेंसी की विशेष स्क्रीनिंग के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस(Devendra Fadnavis) ने कहा, “यह हमारे इतिहास का ऐसा दौर था, जब लोगों के अधिकार छीन लिए गए थे. मुख्यमंत्री फडणवीस ने आपातकाल को एक काला अध्याय बताते हुए कहा कि लाखों लोगों को जेल में डाल दिया गया था और संवैधानिक अधिकारों का दमन किया गया था. उन्होंने कहा कि यह फिल्म आपातकाल के दौरान हुए अत्याचारों को दिखाती है.
फिल्म इमरजेंसी का निर्देशन भाजपा सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत ने किया है, जिसमें उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका भी निभाई है, मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में लोकतंत्र को बचाने के लिए लोगों को आपातकाल का इतिहास पढ़ाया जाना चाहिए. फडणवीस ने कहा, “कंगना ने इंदिरा गांधी के किरदार को प्रभावी ढंग से निभाया है. फिल्म न केवल आपातकाल के काले दौर को उजागर करती है, बल्कि 1971 के युद्ध और पूर्व प्रधानमंत्री के जीवन को भी दर्शाती है.” यह फिल्म 1975 से 1977 के बीच इंदिरा की ओर से लगाए गए 21 महीनों के आपातकाल पर आधारित है.
मेरे पिता 2 साल तक जेल में रहे: फडणवीस
देवेंद्र फडणवीस ने आपातकाल के दौरान अपने निजी अनुभव को याद करते हुए कहा, ‘“मैं तब 5-6 साल का था और उस दौरान मेरे पिता दो साल तक जेल में रहे थे. अगली पीढ़ियों को आपातकाल के दौरान किए गए अत्याचारों के बारे में कोई जानकारी नहीं है,” फडणवीस ने कहा कि आपातकाल का इतिहास सामने लाने की जरूरत है, उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने उस समय संविधान को कुचलकर पूरे देश को जेल में डाल दिया था, लेकिन आज कांग्रेस लगातार उसी संविधान का राग अलाप रही है.
इंदिरा गांधी देश की बड़ी नेता थीं- CM फडणवीस
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इंदिरा गांधी ने देश की सबसे बड़ी नेता थीं और उन्होंने बतौर प्रधानमंत्री अच्छे काम किए, लेकिन उस दौर में मानव अधिकार छीन लिए गए. फडणवीस ने कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए बुरी घटनाओं से नई पीढ़ी को शिक्षित करना जरूरी है, इसलिए कंगना रनौत का यह अच्छा प्रयास है.
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