दिल्ली. भारत का घरेलू एयर प्यूरिफायर बाजार तेजी से शहरीकरण, खरीद शक्ति में वृद्धि, शहरी जनसंख्या में बढ़ोत्तरी और वायु प्रदूषण की समस्याओं के बीच 2023 तक साल दर साल 29 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 3.899 करोड़ डॉलर का हो सकता है. एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. वर्तमान में यह बाजार 1.414 करोड़ डॉलर का है.
उद्योग मंडल एसोचैम एवं टेकसाई रिसर्च के संयुक्त अध्ययन में कहा गया है कि प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हो रही बेहतरी, एयर प्यूरिफायर कंपनियों की आक्रामक विपणन रणनीति, वायु प्रदूषण से बीमारियों में वृद्धि और बेहतर जीवनशैली की आकांक्षा बाजार को मुख्य रूप से प्रभावित करने वाले कारक रहेंगे.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 में भारत के कुल एयर प्यूरिफायर बाजार में घरेलू क्षेत्र की हिस्सेदारी 22 प्रतिशत रही. बढ़ते प्रदूषण के कारण जिस तरह से हवा दूषित होती जा रही है, ऐसे में एयर प्यूरिफायर की मांग तेजी से बढ़ रही है. सेहत को देखते हुए लोग हवा की शुद्धता पर ध्यान दे रहे हैं.