रायपुर। सरकार वही जिसे जनता की फ़िकर हो, परख की हर कसौटी पर खरा उतरने वाली छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय सरकार ने राज्य की जनता का दर्द और उनकी ज़रूरतों को समझा है. सरकार का प्रमुख उद्देश्य समाज के हर वर्ग को समान अवसर प्रदान करना और रोजगार के क्षेत्र में आने वाली बाधाओं को कम करना ही होता है.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने पुलिस विभाग सहित अन्य शासकीय भर्तियों में अधिकतम आयु सीमा में 05 वर्ष की छूट प्रदान कर इस दिशा में एक सकारात्मक और दूरगामी कदम उठाया है. यह निर्णय समाज के उन वर्गों को राहत पहुँचा रहा है जो उम्र सीमा के कारण रोजगार के अवसरों से वंचित रह गए थे.
प्रदेश में बेरोजगारी लंबे समय से एक बड़ी समस्या रही है ऐसी दशा में जो उम्मीदवार केवल आयु सीमा के कारण सरकारी भर्तियों से वंचित रह जाता है उनके दुःख को राज्य के मुखिया ने बहुत नज़दीक से समझा है. यह छूट विशेष रूप से उन युवाओं के लिए राहत प्रदान करती है, जो थोड़े अधिक उम्र के हो गए हैं मगर उनके पास नौकरी के लिए आवश्यक कौशल और योग्यता है.
हाल के वर्षों में कोविड-19 महामारी और अन्य आर्थिक समस्याओं से रोजगार के अवसर काफ़ी सीमित हो गए थे. महामारी के दौरान भर्तियां ना के बराबर हो गईं थी, इसी दरमियान ये भी हुआ कि कई योग्य उम्मीदवार शासकीय सेवा के लिए निर्धारित आयु सीमा को पार कर गए थे .मिले हुए 05 वर्ष की इस छूट ने प्रभावित युवाओं को दूसरा मौका देकर उम्मीदों से भर दिया है. इस छूट का लाभ उठाने वाले राज्य के युवा वर्ग राज्य के मुखिया को आभार प्रकट करता नही थक रहा.
आयु सीमा में छूट का उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों को मुख्यधारा में शामिल करना है. यह कदम आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों को सरकारी सेवाओं में अधिक भागीदारी के लिए प्रेरित करेगा.
पुलिस विभाग में नौकरी के लिए शारीरिक और मानसिक फिटनेस की आवश्यकता होती है. आयु सीमा में छूट का मतलब है कि अब ज्यादा संख्या में योग्य उम्मीदवार, जो आयु सीमा के कारण आवेदन नहीं कर पा रहे थे, पुलिस बल में शामिल हो सकेंगे. ऐसे ही वे महिलाएं जो घरेलू जिम्मेदारियों या अन्य सामाजिक कारणों से सरकारी नौकरी के लिए समय पर आवेदन नहीं कर पाई थी उनके लिए भी आयु सीमा में छूट आशा की एक नई किरण लेकर आई है, अब वे भी अपनी क्षमता दिखा सकेंगी.
आयु सीमा में छूट से अब ज्यादा संख्या में योग्य और अनुभवी उम्मीदवार शामिल हो सकेंगे, जिससे पुलिस बल अधिक विविध और मजबूत बनेगा. राज्य के मुख्य मंत्री ने इस बात पर भी गौर किया कि ग्रामीण और पिछड़े इलाकों के युवाओं को अक्सर नौकरी के लिए अवसरों की कमी होती है, आयु सीमा में छूट से इन क्षेत्रों के युवाओं को भी समान अवसर मिलेंगे, जिससे पुलिस बल में क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व बढ़ेगा और ग्रामीण परिवेश सुदृढ़ होगा.
शासकीय भर्तियों में अधिकतम आयु सीमा में 05 वर्ष की छूट वाला यह कदम समाज के विभिन्न वर्गों को एक साथ लाने और उनके बीच भेदभाव को कम करने में भी मदद कर रहा है. विशेष रूप से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, और अन्य पिछड़े वर्गों के उम्मीदवार इस छूट का फायदा उठा सकेंगे. सरकारी नौकरियों में चयन होने से व्यक्तियों और उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा इससे समाज के कमजोर वर्गों को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी.
छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार का यह निर्णय न केवल उम्मीदवारों के लिए लाभकारी है बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी इसका लाभ मिलेगा. राज्य सरकार का ये निर्णय स्वमेव ये सिद्ध कर रहा है कि सरकार युवाओं के भविष्य को लेकर कितनी संवेदनशील है. छतीसगढ़ सरकार आयु सीमा में छूट देकर राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर बेरोजगारी दर में कमी ला रही है.
आयु सीमा में छूट देने से बस यही एक सवाल उठ सकता है कि क्या अधिक उम्र के उम्मीदवार शारीरिक और मानसिक रूप से भी उतने ही सक्षम होंगे तो इस मुद्दे को सख्त चयन प्रक्रिया और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से हल किया जाना तय हुआ है. ज़ाहिर सी बात है इस निर्णय के बाद बड़ी संख्या में आवेदन प्राप्त होंगे जिसे प्रभावी प्रबंधन और डिजिटल भर्ती प्रक्रियाओं के माध्यम से नियंत्रित किया जाएगा. निश्चित तौर पर बड़ी संख्या में भर्ती करने से सरकार के वित्तीय संसाधनों पर दबाव बढ़ेगा इसके लिए भी छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने अपने बजट और योजना में आवश्यक सुधार किया है.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की इस पहल को राज्य की जनता के द्वारा काफ़ी सराहा जा रहा है क्योंकि राज्य सरकार न केवल रोजगार बढ़ाने के प्रति प्रतिबद्ध है, बल्कि वह उन समस्याओं को भी समझती है जिनसे आम युवा गुजरते हैं. सरकार का यह कदम छत्तीसगढ़ में सकारात्मक बदलाव लाएगा और युवाओं में सरकार के प्रति अथाह विश्वास पैदा करेगा.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार द्वारा पुलिस विभाग और अन्य शासकीय भर्तियों में आयु सीमा में 05 वर्ष की छूट का निर्णय एक प्रगतिशील कदम है. इससे न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि समाज में समानता और आर्थिक सुधार भी होंगे. यह निर्णय सरकार की दूरदर्शिता और युवाओं के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.