शिखिल ब्यौहार, भोपाल। बीजेपी जिला अध्यक्षों को लेकर एमपी बीजेपी उलझी हुई है। छिंदवाड़ा और इंदौर को लेकर ज्यादा टकराव की स्थिति बन रही है। टीकमगढ़ में भी सांसद और मंत्री के विरोध से उलझन की खबर निकलकर सामने आ रही है। वहीं, निवाड़ी और नरसिंहपुर में स्थानीय नेताओं में टकराव की बात सामने आ रही है। जिसे लेकर प्रदेश में सियासी वार-पलटवार का दौर शुरू हो चुका है।

जो लूट रहे, उन्हें मिल रहा पद

राष्ट्रीय सचिव और पूर्व विधायक कुणाल चौधरी ने बीजेपी जिला अध्यक्षों की रुकी सूची पर बयान दिया है। उन्होंने कहा, “बीजेपी अंदरूनी लड़ाई से ग्रस्त है। एक आयातित भाजपाई और एक प्रमुख भाजपाई के बीच लड़ाई चल रही है। नरसिंहपुर में मंत्री राव उदय प्रताप सिंह और प्रहलाद पटेल के बीच में लड़ाई चल रही है। इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय और तुलसी सिलावट के बीच में चल रही है। टीकमगढ़ में राहुल लोधी और वीरेंद्र खटीक के बीच लड़ाई चल रही है। शिवपुरी की घटना को देख लें, कैसे बंदर बांट किया गया। मंत्री पद भी उन्हीं को मिला जो लूट, भूख और भ्रष्टाचार से ग्रसित है। बीजेपी में हालत ऐसी है कि अपनों को डांट रहे दूसरों को बांट रहे हैं। कार्यकर्ता प्रताड़ित और परेशान है। जो लूट सकते हैं उन्हें पद मिल रहे हैं।”

बीजेपी दिग्गजों की वजह से अटकी आखिरी सूची?

बताया जा रहा है कि दिग्गज नेताओं की वजह से आखिरी सूची अटकी हुई है। इंदौर शहर, इंदौर ग्रामीण, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, निवाड़ी टीकमगढ़ की लिस्ट अब तक नहीं आई है। सूत्रों के मुताबिक मंत्री कैलाश विजयवर्गीय इंदौर ग्रामीण से चिंटू वर्मा को जिला अध्यक्ष बनाना चाहते हैं। वहीं मंत्री तुलसी सिलावट इंदौर ग्रामीण से अंतर दयाल के नाम का दावा कर रहे हैं। इंदौर शहर से आकाश विजयवर्गीय टीनू जैन के लिए दम लगा रहे हैं। विधायक रमेश मेंदोला सुमित मिश्रा के लिए पैरवी कर रहे हैं। टीकमगढ़ में भी केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार खटीक, विधायक हरिशंकर, उमा भारती के भतीजे राहुल सिंह लोधी के बीच सहमति नहीं बन पा रही है। गौरतलब है कि अब तक 62 में से 56 जिला अध्यक्ष की घोषणा हो चुकी है। 

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