Rajasthan News: राजस्थान में हाल ही में भजनलाल सरकार द्वारा उठाए गए एक महत्वपूर्ण कदम ने प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र में हलचल मचा दी है। राज्य सरकार ने 450 सरकारी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है, जिसके कारण प्रदेश भर में इस फैसले पर चर्चा हो रही है।

किस प्रकार के स्कूल बंद किए गए?
यह आदेश प्रदेश के विभिन्न जिलों में लागू किया गया है, जिनमें बीकानेर, जयपुर, आमेर, पाली, ब्यावर, हनुमानगढ़, उदयपुर और जोधपुर जैसे प्रमुख जिले शामिल हैं। इन जिलों में कुल मिलाकर 450 सरकारी स्कूल बंद किए गए हैं, जिनमें से 260 माध्यमिक स्कूल और 190 प्राथमिक स्कूल हैं। खास बात यह है कि ये सभी स्कूल हिंदी माध्यम के थे, और इन स्कूलों में छात्रों की संख्या इतनी कम थी कि इन्हें बंद करने का निर्णय लिया गया।
विभिन्न प्रकार के स्कूलों की स्थिति
इन 450 स्कूलों में से 260 प्राथमिक स्कूलों को उच्च माध्यमिक स्कूलों में मर्ज किया गया है। इनमें से 14 स्कूलों को 12वीं तक की शिक्षा प्रदान की जा रही थी, लेकिन छात्रों की संख्या बहुत कम थी, जिसके कारण इन्हें बंद कर दिया गया और आसपास के स्कूलों में मर्ज कर दिया गया। इसके अलावा, 190 अन्य प्राथमिक स्कूलों को उच्च माध्यमिक स्कूलों में विलय किया गया है। सरकार ने तर्क दिया है कि इन स्कूलों में छात्रों की संख्या नगण्य थी और एक ही परिसर में तीन-तीन स्कूल चलाए जा रहे थे। इससे संसाधनों का सही उपयोग नहीं हो पा रहा था।
शिक्षा मंत्री का बयान
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि यह कदम छात्रों को बेहतर सुविधाएं और शिक्षा देने के उद्देश्य से उठाया गया है। उन्होंने बताया कि कई स्कूलों में छात्रों की संख्या इतनी कम हो गई थी कि वहां तीन स्कूल एक ही कैंपस में चल रहे थे, जो संसाधनों के सही उपयोग में बाधक था। इसलिए इन स्कूलों को मर्ज किया गया ताकि एक ही जगह पर सभी सुविधाओं का पूरा इस्तेमाल हो सके। इससे छात्रों को बेहतर शिक्षा और सुविधाएं मिल पाएंगी और शिक्षकों की संख्या भी अधिक होगी, जिससे पढ़ाई का स्तर बेहतर होगा।
दूसरे स्कूलों का मर्जर
इसके अलावा, प्रदेश में 200 प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों को भी बंद किया गया है। इन स्कूलों में जीरो छात्र संख्या के कारण इन्हें नजदीकी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में मर्ज किया गया है। यह कदम अजमेर, कोटपूतली-बहरोड़, अलवर, खैरथल-तिजारा, बांसवाड़ा, बारां, बालोतरा, बाड़मेर, भरतपुर, डीग, भीलवाड़ा, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, चूरू, दौसा, धौलपुर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जयपुर, जैसलमेर, जालोर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, फलोदी, करौली, कोटा, डीडवाना-कुचामन, नागौर, पाली, प्रतापगढ़, राजसमंद, सीकर, सिरोही, उदयपुर, सलूंबर जैसे जिलों में हुआ है।
इसके अलावा, प्रारंभिक शिक्षा के 35 स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है, जहां छात्रों की नामांकन संख्या बहुत कम थी। ये स्कूल भी पास के सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में मर्ज किए गए हैं। इन स्कूलों में अजमेर, ब्यावर, बारां, बाड़मेर, भीलवाड़ा, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, चूरू, डीग, डीडवाना-कुचामन, डूंगरपुर, सवाई माधोपुर, जयपुर, जालोर, खैरथल-तिजारा, कोटा, राजसमंद, टोंक और उदयपुर के स्कूल शामिल हैं।
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