LAC की स्थिति को लेकर सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी (Upendra Dwivedi) के बयान के बाद अब इस मामले में विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया सामने आई है. सेना प्रमुख के बयान पर विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) के प्रवक्ता ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति को लेकर सेना और विदेश मंत्री के रुख में कोई विरोधाभास नहीं है. बीतें दिनाें आर्मी चीफ का बयान समान आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि LAC (China–India border) में भारतीय सेना (Indian Army) और चीन (China) के बीच कुछ हद तक गतिरोध बना हुआ है.

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ”सेना प्रमुख ने जो कहा है और हमने जो रुख अपनाया है, उसमें हमें कोई विरोधाभास नजर नहीं आता.” पिछले साल 21 अक्टूबर को बनी सहमति के बाद, भारतीय और चीनी सैन्य पक्षों ने डेमचोक और डेपसांग के दो शेष विवादास्पद बिंदुओं से सैनिकों को वापस बुला लिया था.

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बता दें कि बुधवार को सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि उत्तरी सीमा पर स्थिति स्थिर बनी हुई है, लेकिन संवेदनशील भी है. उन्होंने कहा कि गलवान में जो कुछ भी हुआ, ऐसी घटना दोबारा नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सेना किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार और सक्षम है.

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जनरल द्विवेदी ने कहा था कि भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच अभी भी कुछ हद तक गतिरोध बना हुआ है और दोनों पक्षों को स्थिति को शांत करने और विश्वास बहाल करने के बारे में तालमेल बनाने की जरूरत है. जबकि विदेश मंत्रालय ने कहा है कि देपसांग और डेमचोक में टकराव वाले बिंदुओं पर पीछे हटने का काम पूरा हो गया है और सेना प्रमुख का कहना था कि सेनाओं के बीच अभी भी “कुछ हद तक गतिरोध” बना हुआ है.

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इस मामले को लेकर विदेश मंत्रालय ने बयानों पर सफाई दी है. प्रवक्ता जायसवाल ने साफ कहा है कि सेना और विदेश मंत्रालय दोनों का इस मुद्दे पर एक रुख है.उन्होंने कहा, “मैं संसद में प्रकट किए गए विदेश मंत्री के रुख का उल्लेख करना चाहता हूं. विदेश मंत्री सैनिकों की वापसी के संबंध में स्थिति बहुत स्पष्ट कर चुके हैं.” उन्होंने कहा, “जहां तक 21 अक्टूबर को बनी सहमति का सवाल है, हमारा उद्देश्य संबंधित गश्त बिंदुओं पर अतीत की तरह गश्त सुनिश्चित करना है.”

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