कुंदन कुमार/पटना: एक समय बिहार के कांग्रेस अध्यक्ष और वर्तमान में बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने राहुल गांधी को नसीहत देते हुए कहा कि आज राहुल गांधी जातीय आधारित गणना को फर्जी बता रहे हैं. पेरियार ज्ञानी जैल सिंह एवं कर्पूरी ठाकुर ने कहा था कि जिसकी जितनी आबादी उसकी उतनी हिस्सेदारी. 

ममता बनर्जी ने किया था विरोध 

उन्होंने कहा कि जब तक कांग्रेस का राज रहा कांग्रेस ने जातीय गणना के ऊपर आवाज उठाया? नीतीश कुमार इस देश में अकेले पहले नेता है, जिन्होंने जातीय गणना करके चाहे वह अपर क्लास के लोग हो, महादलित हो, अति पिछड़ा हो, दलित हो या मुसलमान हो उनकी आर्थिक राजनीतिक स्थिति का पता किया, लेकिन राहुल गांधी कह रहे हैं कि यह फेक है, इसे मैं करूंगा. जब मुंबई में सम्मेलन हुआ था, तो नीतीश कुमार जी ने इंडिया गठबंधन के लोगों से आग्रह किया था कि जातीय आधारित गणना को हम नेशनल एजेंडा में रखेंगे, लेकिन वहां पर ममता बनर्जी ने इसका विरोध किया. 

नीतीश कुमार की कर रहे हैं कॉपी 

वहीं, उन्होंने कहा कि आखिर क्यों राहुल गांधी ने ममता बनर्जी का विरोध नहीं किया. राहुल गांधी के करनी और कथनी में फर्क है, क्योंकि अब लगता है कि जातीय आधारित गणना एक बहुत बड़ा पॉलिटिकल मुद्दा है. हर लोग अपने चुनावी मुद्दा में इसकी बात कर रहे हैं. एक तरफ नीतीश कुमार की कॉपी कर रहे हैं और दूसरी तरफ कहते हैं कि यह अच्छा नहीं है. 75 साल की आजादी के बाद अगर किसी नेता में हिम्मत था इसे लागू करने का तो वह सिर्फ और सिर्फ नीतीश कुमार हैं. 

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