Delhi Vidhansabha Chunav 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कुछ ही दिन बचे हुए हैं। इससे पहले राजनीतिक दलों की ओर से बड़े बड़े वादे और दावे किए जा रहे हैं। इस बीच भविष्यवाणी भी शुरू हो गई है। क्या अरविंद केजरीवाल चुनाव जीत पाएंगे। क्या वे फिर से आम आदमी पार्टी की सरकार बना पाएंगे। क्या केजरीवाल फिर से दिल्ली के मुख्यमंत्री बन पाएंगे। आइए जानते है क्या है ज्योतिषीय भविष्यवाणी…

दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपना नामांकन भर दिया है। जानकारी के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल की जन्म कुंडली 16 अगस्त 1968 और 00:30 AM है। यह वृषभ लग्न और मेष राशि की कुंडली है। कुंडली के तृतीय भाव में सूर्य मंगल, चतुर्थ भाव में बुध शुक्र और बृहस्पति, पंचम भाव में केतु, एकादश भाव में राहु, द्वादश भाव में शनि चंद्रमा की युति है। केजरीवाल की जन्म कुंडली में विष योग है।

ये भी पढ़ें: ‘दिल्ली नहीं पंजाब के CM बनेंगे केजरीवाल’, बीजेपी प्रत्याशी का बड़ा दावा, प्रवेश वर्मा ने कागज पर लिखकर कही ये बात

जन्म कुंडली के चतुर्थ भाव में तीन ग्रह बहुत अच्छा योग बना रहे हैं। जिसकी वजह से उन्हें दिल्ली सीएम का पद मिला। केजरीवाल की कुंडली में बृहस्पति की महादशा 18 मार्च 2010 से चल रही है। जिसमें वह दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। लेकिन 6 अक्टूबर 2023 से बृहस्पति महादशा में राहु के अंतर्दशा चल रही है, जो कि बहुत अशुभ कही जाएगी। इसी अंतर्दशा में अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार हुए और दिल्ली का मुख्यमंत्री पद छूट गया।

हालांकि ज्योतिष के कुछ सूत्र एकादश भाव के राहु को अच्छा मानते हैं। लेकिन अग हम दूसरे सूत्र लागू कर देखें तो बृहस्पति जो कि दशनाथ है और राहु इस समय भुक्तिनाथ है। दोनों का आपस में षडाष्टक बना हुआ है। ज्योतिष में से दो ग्रहों के षडाष्टक को सबसे खराब स्थिति कहा गया है। यह स्थिति दशानाथ और भुक्तिनाथ के बीच में 36 के आंकड़े जैसी स्थिति कही जाती है। जिसमें कई बार मित्र होते हुए भी ग्रह शुभ फल नहीं दे पाते और इस कुंडली में देखें तो राहु एकादश भाव में होने पर भी बृहस्पति की महादशा में अच्छा फल नहीं देगा। क्योंकि यह अपने शत्रु से अष्टम में पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में आकस्मिक संकट उभर आते हैं।

ये भी पढ़ें: फ्री फ्री फ्री… दिल्ली चुनाव में मुफ्त की योजनाओं पर सियासत: AAP प्रत्याशी ने खेला ‘फ्री कोचिंग’ का दांव, BJP ने बोला हमला

क्या कह रही है साढ़ेसाती

ग्रह स्थिति को देखते हुए अरविंद केजरीवाल की मार्च 2025 से मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती भी शुरू हो जाएगी। यह साढ़ेसाती का पहला चरण केजरीवाल के लिए बहुत कष्टकारी रहने वाला है। राहु की अंतर्दशा और शनि की गोचरीय स्थिति में उनका चुनाव जीत पाना मुश्किल लगता है। CM बनने के लिए उन्हें ऐड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ सकता है। केजरीवाल अगर किसी तरह से चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री का पद मिल भी जाता है तो राजनीतिक कार्यकाल मुश्किल भरा रह सकता है।