राजेश पांडेय, जशपुर। बगीचा में हुई एक शादी का इंतज़ार पूरे प्रदेश को था. आखिरकार वो शादी संपन्न हो गई. ये शादी इसलिए खास थी क्योंकि दुल्हा रतिया राम 75 साल का था और दुल्हन जिवना बड़ी 70 साल की. ये विवाह बगीचा के वकडोल ग्राम में हुआ. इस खास बारात में बाराती भी बेदह खास-ओ-आम थे.

भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष प्रबल प्रताप जूदेव ,जशपुर के पूर्व बिधायक जगेश्वर राम भगत सहित कई दिग्गज इस शादी के गवाह बने. पूरा गांव इस शादी में शरीक हुआ. शादी की जिम्मेदारी बगडोल पंचायत के सरपंच ललित नागेश ने ली थी.

दरअसल,ये शादी रतिया राम और जिवना बड़ी की मोहब्बत की मिसाल है. ये माना जाता है कि मोहब्बत की कहानियां जवानी से शुरु होती है और जवानी के साथ खत्म हो जाती है. लेकिन रतिया और जिवना ने इस धारणा को गलत ठहरा दिया. दोनों ने मोहब्बत की अपनी दास्तां अपने उम्र के आखिरी दौर में लिखी.

दोनों के बीच पहले प्यार हुआ फिर इकरार हुआ और फिर दोनों ने बची ज़िंदगी साथ जीने का फैसला किया. दोनों के प्यार को साथ मिला पूरे गांव का और फिर फैसला हुआ शादी का.

शादी से पहले रतिया राम और सत्तर बरस की जिवना बड़ी के बीच सुख दुख एक जैसा है. रतिया राम की पत्नी बरसों पहले गुज़र गई. दो बेटियाँ ससुराल में है. एक बेटा था वो भी दस बरस पहले गुज़र गया. ज़िंदगी अकेले गुज़र रही थी.

जिवना बड़ी के साथ भी मामला कुछ ऐसा ही था बरसों पहले शादी हुई थी.  पति गुज़र गया. अब कोई है नहीं. पहाड़ी कोरवा समुदाय के ये बुज़ुर्ग किसी सामाजिक कार्यक्रम में एक दूसरे से टकरा गए और दोनों के जीवन में एक खालीपन ने मोहब्बत का रिश्ता बना दिया.