BOMBAY HIGH COURT: पत्नी को ‘नग्न’ (making wife naked) कर के बाहर सड़क पर घंटों खड़े करने वाले पति को बंबई हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। महिला ने घटना के बाद आहत होकर कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद आरोपी पति के खिलाफ पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया गया था। लोअर कोर्ट ने आरोपी पति को पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में 10 साल की सजा हुई थी। अब हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। दरअसल पूरा मामला महाराष्ट्र के पुणे (Pune) का है।
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जस्टिस आरएन लढ़ा की बेंच ने यह कहते हुए जमानत दी कि अपील जल्द नहीं सुनी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला देते हुए उन्होंने ₹25,000 के निजी मुचलके पर सजा निलंबित कर दी।
पुलिस के मुताबिक शिलिमकर ने अपनी पत्नी और छोटी बेटी को एक रात घर के बाहर निर्वस्त्र खड़ा कर दिया था। यह घटना तब हुई जब शिलिमकर ने अपनी पत्नी से दोस्तों के लिए खाना बनाने को कहा और दोनों के बीच झगड़ा हो गया।पीड़िता ने यह बात अपने परिवार को फोन पर बताई थी। बार-बार होने वाले शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न से परेशान होकर महिला ने जुलाई 2012 में शादी के आठ साल बाद कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली थी।
संतोष सुदाकर शिलिमकर ( 32 उम्र) किसान और रेत ठेकेदार का काम करता थाय़ उसे भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) और 498ए (क्रूरता) के तहत दोषी पाया गया था।
पुणे के सत्र न्यायालय ने अगस्त 2024 में शिलिमकर को दोषी ठहराते हुए 10 साल की सजा सुनाई थी। हालांकि शिलिमकर के वकील सत्यव्रत जोशी ने अदालत में तर्क दिया कि मामला परिस्थितिजन्य सबूतों पर आधारित है और प्रत्यक्ष सबूत या आत्महत्या नोट नहीं है। वहीं सरकारी वकील ने जमानत का विरोध किया था।
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