Hanuman Bahuk Path: ऐसा माना जाता है जिस जगह हनुमान चालीसा, सुंदर कांड, रामचरित मानस, रामायण आदि का पाठ किया जाता है, तो हनुमानजी वहां अवश्य उपस्थित होते हैं. अगर आप भगवान हनुमान के दर्शन नहीं कर सकते हैं, तो कुछ अन्य तरीके हैं, जिनके माध्यम से आप उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं.

आपने हनुमान चालीसा के बारे में तो बहुत सुना होगा. आप शायद इसके महत्व और चमत्कारी प्रभावों को जानते, समझते और शायद अनुभव भी करते होंगे. लेकिन क्या आपने कभी हनुमान बाहुक के बारे में सुना है? हनुमानजी को संकटमोचक कहा गया है और उनके हनुमान बाहुक पाठ का भी यही प्रभाव है. इस पाठ को पढ़ने वाले व्यक्ति की सभी कठिनाइयां दूर हो जाती हैं.

हनुमान बाहुक पाठ व्यक्ति की शारीरिक व्याधियों से मुक्ति दिलाता है. इस ग्रंथ की रचना कैसे हुई और इसे सबसे पहले किसने गाया, इसके पीछे एक दिलचस्प कहानी है.

कहा जाता है कि संत तुलसीदासजी एक बार गंभीर रूप से बीमार पड़ गये. उन्हें भगवान राम और हनुमान का बहुत बड़ा भक्त माना जाता है. वह गंभीर बीमारी से पीड़ित था और उसका शरीर बहुत पीड़ा में था. पीड़ा से भरी आवाज में वह हनुमान का नाम पुकारने लगा.

Hanuman Bahuk Path. अपने भक्त की पीड़ा देखकर हनुमानजी प्रकट हुए. तुलसीदास ने उनसे एक श्लोक के लिए प्रार्थना की जो उनके सभी शारीरिक कष्टों को दूर कर दे. तब तुलसीदास ने हनुमानजी द्वारा कहे गए वचनों का जाप किया और कुछ ही समय में वे ठीक हो गए. यह हनुमान बाहुक का पाठ था. जिससे तुलसीदास की सभी शारीरिक परेशानियां समाप्त हो गईं. हनुमान बाहुक के 44 चरणों का पाठ करने वाले व्यक्ति की सभी कठिनाइयां दूर हो जाती हैं.