Dwipushkar Yog: 22 जनवरी बुधवार को बुध का गोचर धनु राशि में उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में होने जा रहा है. और कल के दिन चंद्रमा तुला राशि में गोचर करते हुए स्वाति नक्षत्र से संचार करेगे. ऐसे में कल के दिन द्विपुष्कर नामक शुभ योग भी निर्मित हुआ है. कल अष्टमी तिथि होने से माता गौरी के साथ ही गणेशजी की कृपा भी मेष, वृषभ, तुला, धनु और मीन राशि पर रहेगी. अब यह जान ले किसे दुलर्भ अवसर क्यों कहा जा रहा है.
कल्पना कीजिए कि आप अपने द्वारा किए गए किसी अच्छे काम या अपने जीवन के किसी शुभ क्षण को दोहरा पाएं. यह बिल्कुल वैसा ही अवसर है जो किसी विशेष दिन, नक्षत्र और तिथि के दुर्लभ संयोग से मिलता है, एक दुर्लभ मुहूर्त जो इस योग में घटित होने वाली घटनाओं को कम से कम तीन बार दोहराता है. इस शुभ मुहूर्त को द्विपुष्कर योग कहा जाता है .
द्विपुष्कर योग को सबसे शुभ मुहूर्त माना जाता है. (Dwipushkar Yog)
- सोना, हीरा और चांदी के आभूषण खरीदना
- संपत्ति, वाहन और पशुधन की खरीद
- शेयरों और बांडों की खरीद, निवेश करना
- नये कार्यालय का उद्घाटन
- नया व्यवसाय शुरू करना
- दान और धार्मिक कार्य आदि अर्पित करना
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