महाराष्ट्र (Maharashtra) के बीड (Beed) में एक शादीशुदा महिला की मौत के बाद झूठी अफवाह फैलाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. महिला की मौत के बाद HIV पॉजिटिव होने की झूठी अफवाह फैला दी. महिला के परिवार वालों ने झूठी अफवाह के लिए डॉक्टर (Doctor) और पुलिस (Police) पर आरोप लगाया है. अफवाह के कारण महिला के परिवार को गांव वालो ने अलग कर दिया. परिवार वालों का यह भी आरोप है कि उसकी बेटी के साथ उसके ससुराल वालों ने दहेज की मांग काे लेकर मारपीट की.

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पूरा मामला महाराष्ट्र के बीड जिले के है, जहां महिला के मौत के बाद HIV पॉजिटिव होने की झूठी अफवाह फैलाने का मामला सामने आया है. लड़की के पिता राजेंद्र जाधव ने आरोप लगाया कि पुलिस और डॉक्टरों की मिलीभगत से गांव में यह अफवाह फैलाई गई कि मेरी बेटी को एचआईवी हो गया है.

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दरअसल बीड सरकारी अस्पताल के एक डॉक्टर ने महिला को एचआईवी से पीड़ित बताया. महिला के पिता ने इस मामले में पुलिस और अस्पताल के डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाए. जानकारी के अनुसार राजेंद्र जाधव की बेटी श्रद्धा की शादी 2023 में आष्टी तालुका के बालाजी वाडेकर से हुई थी.

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सुसराल वालों पर दहेज के लिए परेशान करने का आरोप

महिला के पिता राजेंद्र जाधव ने आरोप लगाया ससुराल वाले उसकी बेटी को दहेज के लिए परेशान कर रहे थे. श्रद्धा को उनके दामाद बालाजी वाडेकर, ससुर राजेंद्र वाडेकर, हिरण विशाल वाडेकर, ननंद भाग्यश्री विटकर और राजश्री पवार ने दो लाख के दहेज के लिए तंग किया था.

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दहेज के लिए पिटाई

श्रद्धा के पिता ने ससुराल वालों पर आरोप लगाते हुए कहा कि दहेज के लिए श्रद्धा को बुरी तरह पीटा गया. उसे दीवार पर धक्का दिया, जिससे उसके सिर में पर चोट लग गई. श्रद्धा को अहमदनगर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका एक बड़ा ऑपरेशन हुआ. इसके बाद हम श्रद्धा को अपने घर ले आए.

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कलेक्टर से की शिकायत

मृतका के पिता राजेंद्र जाधव ने जिला कलेक्टर को की गई शिकायत में कहा कि ससुराल वालों ने हमारे घर आकर भी श्रद्धा के साथ मारपीट की. महिला के पिता राजेंद्र जाधव ने ये भी कहा कि बेटी का शव छोड़ने आए लोगों ने गांव वालों से यह भी कहा कि आप लोग उसके पास न आएं. इस वजह से मेरी बेटी के अंतिम संस्कार में गांव से कोई नहीं आया.

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उन्होंने आगे बताया कि पुलिस ने इस मामले में अब तक हमारा बयान दर्ज नहीं किया और आरोपियों की मदद कर रही है. इस सब की वजह से पत्नी और बच्चे परेशान हैं. झूठी अफवाह से उनकी बदनामी हुई. अब गांव वालों ने हमें अलग कर दिया है.

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महिला के परिवार वालों ने कहा कि हमने इस संबंध में बीड पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कराया था, लेकिन पुलिस ने आगे कोई कार्रवाई नहीं की. यहां तक कि बीड सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने भी हमारे साथ गलत व्यवहार किया. आष्टी पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर और बीड सरकारी अस्पताल के डॉक्टर की मनमानी की वजह से हमें समाज में बदनाम होना पड़ा. जब अस्पताल से बेटी का शव घर ले जाया गया, तो उन्होंने गांव वालों को बताया कि लड़की एचआईवी से संक्रमित हो गई है.

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