अमृतसर. अब पंजाब के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों का पढ़ाने का तरीका बदल जाएगा। वे बच्चों को खेल-खेल के अंदाज में पढ़ाएंगे। इसके अलावा, बच्चों के अंदर से कक्षा का डर भी खत्म हो जाएगा। यह शिक्षा विभाग के प्रयासों से संभव हो रहा है।
इसके लिए शिक्षा विभाग ने हाल ही में फिनलैंड की टुरकू यूनिवर्सिटी के साथ एक समझौता किया था। इसी संदर्भ में यूनिवर्सिटी का एक प्रतिनिधिमंडल पंजाब आया और चंडीगढ़ में पंजाब के 296 प्राइमरी स्कूल शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया।
इस तरह होगा ट्रेनिंग प्रोग्राम
स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों को प्रभावी प्राइमरी स्कूल शिक्षण तकनीकों से लैस करना है। यह पहल शिक्षकों को राज्य के प्राइमरी स्कूलों की शिक्षा प्रणाली को बेहतर ढंग से समझने में सक्षम बनाएगी।
स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव कमल किशोर यादव ने बताया कि यह कार्यक्रम प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों को ऐसी तकनीकों को अपनाने में मदद करेगा जो छात्रों के लिए सीखने की प्रक्रिया को रुचिकर और तनावमुक्त बनाएंगी। यह छात्रों के समग्र विकास में भी योगदान देगा।
इस अवसर पर विशेष सचिव स्कूल शिक्षा चर्चिल कुमार, डायरेक्टर अमनिंदर कौर बराड़ और स्कूल शिक्षा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
पहले भी हुए बड़े कदम
इससे पहले पंजाब सरकार ने आईआईएम अहमदाबाद से स्कूल प्रिंसिपलों को प्रशिक्षण दिलाया था, जिसमें उन्हें प्रबंधन की नई रणनीतियां सिखाई गईं। इसके अलावा, पहली बार सरकारी स्कूलों में चौकीदार नियुक्त किए गए हैं। स्कूलों में प्रबंधक भी नियुक्त किए गए हैं ताकि शिक्षक केवल पढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
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