बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी जेडीयू का NDA में बने रहने को लेकर घमासान मचा हुआ है. JDU ने मणिपुर (Manipur) में एनडीए के साथ छोड़ने का फरमान जारी करने वाले प्रदेश अध्यक्ष बीरेंद्र सिंह को पद से हटा दिया. जेडीयू ने मोदी की नेतृत्व वाली NDA के साथ बने रहने का निर्णय लिया है. पार्टी ने यह कार्रवाई वीरेंद्र सिंह द्वारा BJP सरकार से समर्थन वापस लेने राज्यपाल काे लिखे पत्र के बाद की.

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नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने मणिपुर के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह को अध्यक्ष पद से हटाने का फैसला लिया है. दरअसल बीरेंद्र सिंह ने राज्यपाल को पत्र लिखकर बीरेंन सिंह के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार से समर्थन वापस लेने का ऐलान किया था. नीतीश कुमार की पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में वीरेंद्र सिंह को हटा दिया है.

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जेडीयू ने वीरेंद्र सिंह पर कार्रवाई करते हुए अपनी सफाई में कहा कि वह मणिपुर में बीजेपी सरकार को समर्थन जारी है. मणिपुर के साथ-साथ बिहार में भी और केंद्र में भी पूरी मजबूती के साथ जनता दल यूनाइटेड बीजेपी के साथ समर्थन में खड़ी है.

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वीरेंद्र सिंह को अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बारे में जानकारी देते हुए जेडीयू ने कहा, जनता दल यूनाइटेड ने मणिपुर प्रदेश के अपने पार्टी अध्यक्ष, जिसने यह पत्र लिखा था वीरेंद्र सिंह को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाया दिया है. अनुशासनहीनता के आरोप में वीरेंद्र सिंह को पदमुक्त कर दिया गया है.

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बता दें कि मणिपुर जेडीयू अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को पत्र लिखकर बीजेपी से समर्थन वापस लेने की घोषणा की थी. उन्होंने इस पत्र में कहा कि पार्टी ने शुरुआत में 2022 के मणिपुर विधानसभा चुनावों में 6 सीटें जीती थीं. हालांकि, बाद में 5 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए. जिससे सत्तारूढ़ दल की संख्या मजबूत हो गई. इन पांचों विधायकों का भारत के संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत मुकदमा स्पीकर ट्रिब्यूनल के समक्ष लंबित है.

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