Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल (PKC) लिंक परियोजना का नाम बदलकर रामजल सेतु लिंक परियोजना करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भगवान श्रीराम की अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ के अवसर पर यह घोषणा की। इस परियोजना का उद्देश्य राजस्थान और मध्य प्रदेश में पानी की समस्या को दूर करना और क्षेत्रों को जल संपन्न बनाना है।

मुख्यमंत्री शर्मा ने बताया कि भगवान श्रीराम ने सत्य की विजय के लिए समुद्र पर सेतु बनाकर एक छोर को दूसरे छोर से जोड़ा था। उसी प्रेरणा से इस परियोजना का नामकरण किया गया। 17 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में इस परियोजना के एमओए पर हस्ताक्षर किए गए, जिसमें चंबल, पार्वती और कालीसिंध नदियों का जल “रामसेतु जल संकल्प कलश” में प्रवाहित किया गया।
ये है पूरी परियोजना
यह परियोजना राजस्थान की 40% आबादी को पेयजल और सिंचाई के लिए जल उपलब्ध कराएगी। इसमें चंबल और इसकी सहायक नदियों का सरप्लस जल बनास, मोरेल, बाणगंगा, और अन्य बेसिनों में स्थानांतरित किया जाएगा।
जल उपलब्धता: 4102 मिलियन क्यूबिक मीटर जल (522 एमसीएम पुनर्चक्रित जल सहित)।
लाभार्थी जिले: राजस्थान के 17 जिलों में 2054 तक पेयजल और सिंचाई के लिए जल।
सिंचाई क्षेत्र: 2.5 लाख हेक्टेयर नया क्षेत्र, 1.5 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र।
औद्योगिक विकास: परियोजना से उद्योगों को भी पानी मिलेगा।
पोस्टर हुआ लॉन्च
मुख्यमंत्री ने परियोजना के नामकरण के बाद इसके पोस्टर का विमोचन किया। इस मौके पर जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत, गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
पूर्व प्रधानमंत्री का सपना साकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के “नदियों को जोड़ने” के सपने को साकार करेगी। इससे राजस्थान और मध्य प्रदेश के सूखा प्रभावित क्षेत्रों को राहत मिलेगी और जल संकट दूर होगा।
पढ़ें ये खबरें
- घुसपैठियों के खिलाफ टास्क फोर्स की कार्रवाई तेज: हिरासत में लिए गए 9 संदिग्ध, अब तक 128 संदिग्धों की हो चुकी हैं पहचान
- Bihar News: बिहार की धरती पर रहकर पड़ोसी मुल्क से प्यार, कार में लगाया बांग्लादेशी झंड़ा..
- अयोध्या में सूर्योदय के साथ नहीं होती सुबह : हनुमानगढ़ी के शिखर से होता है कुछ ऐसा कि जागृत हो जाती है रामनगरी का आत्मा
- ‘नेहरू जी के कारण हारे 62 का युद्ध’, उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह बोले- सेना और देश नहीं नेतृत्व करने वाले हुए थे पराजित, कांग्रेस ने किया पलटवार
- Rahul gandhi bihar visit: राहुल गांधी के दौरे से बिहार में होगा खेला! जानिए क्या है रणनीति?