गणतंत्र दिवस समारोह से पहले आज गुरुवार को फुल ड्रेस रिहर्सल आयोजित की गया है. इस साल पहली बार सेना के तीनों अंगों, थल सेना, नौसेना और वायु सेना की एक संयुक्त झांकी प्रस्तुत की जा रही है. तीनों सेनाओं की यह संयुक्त झांकी जल-थल-आकाश में सशस्त्र बलों के बेहतर समन्वय, संयुक्तता और एकीकरण का प्रतीक है. यह झांकी एक युद्धक्षेत्र परिदृश्य को प्रदर्शित करेगी. यह संयुक्त झांकी युद्ध क्षेत्र में भारतीय सेनाओं के तालमेल को दर्शाती है. युद्धक्षेत्र में थल सेना का स्वदेशी मुख्य युद्धक अर्जुन टैंक, वायुसेना का तेजस एमकेआईआई लड़ाकू विमान, उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर, नौसेना का विध्वंसक आईएनएस विशाखापत्तनम और दूर से संचालित विमान एक साथ जमीन, पानी और हवा में एक सिंक्रोनाइज ऑपरेशन का प्रदर्शन करते हुए दिखाई देंगे.
पहली बार निकलेगी ऐसा झांकी
संयुक्तता और एकीकरण की भावना को प्रदर्शित करते हुए 26 जनवरी को 76वें गणतंत्र दिवस परेड के दौरान पहली बार त्रि-सेवाओं की यह झांकी कर्तव्य पथ पर निकलेगी. ‘सशक्त और सुरक्षित भारत’ विषय के साथ, झांकी वैचारिक प्रदर्शन करेगी. ये झांकी सशस्त्र बलों में संयुक्तता और एकीकरण के लिए दृष्टिकोण, राष्ट्रीय सुरक्षा और परिचालन उत्कृष्टता सुनिश्चित करने का उदाहरण पेश करेगी.
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बता दें कि इस संयुक्त झांकी में तीनों सेनाओं के बीच नेटवर्किंग और संचार की सुविधा प्रदान करने वाले एक संयुक्त संचालन कक्ष को दर्शाया जाएगा. यह मंच रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करने के दृष्टिकोण का उदाहरण देता है. रक्षा मंत्रालय में 2025 को ‘सुधार का वर्ष’ घोषित किया गया है. संयुक्तता और एकता सैन्य मामलों के विभाग को आवंटित अधिदेश के मूल में है.
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मुख्यालय, इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ ने सुधारों को सही दिशा में ले जाने के लिए त्रि-सेवा (आर्मी, नेवी और एयरफोर्स) के बीच तालमेल की दिशा में केंद्रित कार्रवाई की है. साथ ही देश की सैन्य क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि करेगा.
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