गोविंद पटेल, कुशीनगर. बढ़ते लहसुन की कीमत के चलते नेपाल के रास्ते चीन से लहसुन की तस्करी तेजी से बढ़ रही है. इस अवैध कारोबार में छोटे-बड़े गिरोह शामिल हैं. ये गिरोह नेपाल से महराजगंज के रास्ते कुशीनगर में लहसुन की खेप भेज रहे हैं. सूत्रों की मानें तो जनपद का खड्डा और कप्तानगंज इसके लिए सेफ जोन बना हुआ है. सीमा पर सुरक्षा बल कार्रवाई तो कर रहे हैं लेकिन इसके बावजूद तस्कर बड़े शातिर तरीके से इसकी खपत डोर टू डोर कर रहें. इतना ही नहीं यहां ठेले पर बनने वाले चाट की दुकान, होटलों और रेस्टोरेंट में धड़ल्ले से पेस्ट के रूप में इसका उपयोग किया जा रहा है.
लहसुन पकड़ में न आए इसके लिए तस्कर दुकानदारों इसका पेस्ट बेच रहे हैं और लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होने की वजह से चाइनीज लहसुन भारतीय बाजारों में प्रतिबंधित हैं. लेकिन इसके बावजूद मोटे मुनाफे की चाह में इस धंधे से जुड़े तस्कर अपनी जेब भरने के चक्कर में लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. चीन दुनिया का सबसे बड़ा लहसुन उत्पादक देश है. वहां ज्यादा पैदावार के लिए फसलों में भारी मात्रा में रसायन और कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है. इसके अलावा चीनी लहसुन में फंगस पाए जाने की आशंका के कारण भारत सरकार ने 2014 में इस पर प्रतिबंध लगा दिया था.
इसे भी पढ़ें : काल बने कुत्तेः 3 साल के बच्चे पर आवारा कुत्तों ने किया हमला, नोचते हुए कुछ दूर घसीटा, फिर जो हुआ…
इसके बाद भी अवैध तरीके से चाइनीज लहसुन को भारतीय बाजारों में पहुंचाया जा रहा है. भारतीय बाजारों में चीनी लहसुन की डिमांड की सबसे बड़ी वजह है इसकी कम कीमत. भारतीय लहसुन के मुकाबले चाइनीज लहसुन की कीमत लगभग आधी होती है और देखने में भी वह काफी आकर्षक होता है. तस्कर इसी का फायदा उठाकर नेपाल से चाइनीज लहसुन भारतीय बाजारों में खपा रहे हैं. पूरी तरह से खुली सीमा होने के कारण तस्कर और रैकेट से जुड़े कैरियर पगडंडियों के सहारे पैदल, साइकिल या छोटे वाहनों का प्रयोग कर तस्करी को अंजाम देते हैं.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें