अलवर. राजस्थान के अलवर जिले से एक अनोखी और प्रेरणादायक खबर सामने आई है, जहां कुत्ते इंसानों की तरह ब्लड डोनेट कर घायल और बीमार जानवरों की जान बचा रहे हैं. यह पहल सड़क हादसों और अन्य दुर्घटनाओं में घायल जानवरों की जान बचाने के लिए शुरू की गई है. खास बात यह है कि ये कुत्ते, जो कभी खुद हादसों का शिकार हो चुके थे, अब स्वस्थ होकर दूसरों की जिंदगी बचाने में मदद कर रहे हैं.

अलवर के पशु चिकित्सालय और एक संस्था की मदद से यह अनोखी पहल चल रही है. संस्था का कहना है कि सड़क हादसों में घायल कुत्तों का खून बह जाता है, जिससे उनकी जान पर खतरा बढ़ जाता है. अब स्वस्थ हुए कुत्ते ब्लड डोनेट करके अन्य घायल जानवरों की जान बचाने में मदद कर रहे हैं. इन कुत्तों के नाम कालू, बहरा और भूरी हैं, जो कभी खुद हादसों का शिकार हो चुके थे.

संस्था के अनुसार, कुत्तों में 13 से 20 प्रकार के ब्लड ग्रुप होते हैं, जिससे ब्लड मैच करना आसान हो जाता है. एक कुत्ता साल में 5 से 6 बार ब्लड डोनेट कर सकता है. डोनेट किया गया ब्लड विशेष तापमान पर 6 महीने तक स्टोर किया जाता है.

संस्था के प्रमुख दिवाकर ने बताया कि उनके पास 85 डॉग्स, बंदर, कबूतर और अन्य वन्य जीव हैं, जिनमें अधिकांश सड़क हादसों में घायल होकर यहां पहुंचे थे. इन सभी का इलाज पशु चिकित्सालय में कराया जाता है, और जब वे ठीक हो जाते हैं तो उन्हें उसी जगह पर छोड़ दिया जाता है.

पशु चिकित्सक डॉक्टर अनुज तोमर ने इस पहल को लेकर कहा कि कुत्तों का ब्लड डोनेशन न केवल सुरक्षित है, बल्कि यह बेहद लाभकारी भी है. उन्होंने इसे इंसानियत की मिसाल बताते हुए कहा कि यह कदम समाज में जानवरों के प्रति नजरिया बदल सकता है और यह साबित करता है कि जानवर भी अपनी सीमाओं के भीतर रहते हुए दूसरों की मदद कर सकते हैं.