अरविन्द मिश्रा, बलौदाबाजार. श्री सीमेंट से निकलने वाली बदबूदार गैस के कारण खपराडीह स्कूल के विद्यार्थियों की तबीयत अचानक बिगड़ने के मामले में अब सीमेंट कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है. कलेक्टर दीपक सोनी ने मामले में सख्त रुख अपनाते हुए कंपनी प्रबंधन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है और तत्काल व्यवस्था सुधारने निर्देश दिया है.
बता दें, हाल ही में बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के खपराडीह स्कूल में अचानक कई बच्चों की तबीयत बिगड़ गई थी. इस मामले में श्री सिमेंट प्लांट पर आरोप लगे कि प्लांट के FR से निकलने वाली बदबूदार गैस की वजह से बच्चों की तबीयत बिगड़ी. घटना के दिन कलेक्टर-एसपी तत्काल अस्पताल में बच्चों से मिलने पहुंचे थे. उन्होंने घटना के बाद तत्काल जांच टीम बनाकर जांच करवाई, जिसमें श्री सीमेंट कंपनी की लापरवाही सामने आई है. जांच रिपोर्ट मिलने के बाद कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए श्री सीमेंट को नोटिस जारी कर दिया है.
जानकारी के मुताबिक, मामले में कलेक्टर के निर्देश के बाद अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सिमगा, सहायक संचालक, औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा, सहायक संचालक, हाईजिन लैब रायपुर, प्रबन्धक, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र बलौदाबाजार, क्षेत्रीय अधिकारी, पर्यावरण संरक्षण मण्डल, रायपुर, सहायक अभियंता, पर्यावरण संरक्षण मण्डल रायपुर एवं वैज्ञानिक पर्यावरण संरक्षण मण्डल रायपुर ने 22 जनवरी 2025 को श्री सीमेंट प्लांट खपराडीह की संयुक्त जांच की.
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जांच में पाया गया कि श्री सीमेंट संयंत्र में कारखाना अधिनियम 1948 के तहत नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है. इस पर सहायक संचालक औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा ने कारखाने के अधिभोगी नीरज अखौरी और कारखाना प्रबंधक विजय अग्रवाल को तत्काल व्यवस्था सुधारने करने के निर्देश दिए और कारण बताओ नोटिस जारी कर 7 दिन के अंदर जवाब मांगा है. ऐसा नहीं करने पर आगे कड़ी कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी गई है.
मिली जानकारी अनुसार, जांच के दौरान सहायक संचालक, हाइजिन लैब के द्वारा कारखाने के नार्थ वेस्ट में स्थित AFR में मटेरियल व परिसंकटमय अपशिष्ट का भंडारण और लाईन-3 में रखा गया ए एफ आर मटेरियल का मल्टी गैस डिटेक्टर के माध्यम से हाईजिन लैब के द्वारा हानिकारक गैस का जांच किया गया. जांच में पाया गया कि क्षेत्र में हानिकारक गैस की उपस्थिति नहीं है.
वहीं सहायक संचालक, औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा द्वारा कारखाने में जांच में पाया गया कि कारखाने में उत्तर पश्चिम में स्थापित ए एफ आर भंडारण कारखाने के लाईन 3 में स्थापित ए एफ आर भंडारण में परिसंकटमय अपशिष्ट खुले में रखा जाना पाया गया. निकासी हेतु नियमानुसार नालियां व पिट का निर्माण नहीं किया जाना पाया गया. SOP और MSDS प्रदर्शित नहीं किया जाना पाया गया. श्रमिकों को कार्य अनुरूप सुरक्षा उपकरण प्रदाय नहीं किया जाना पाया गया, जो कि कारखाना अधिनियम 1948 की धारा 12, धारा 7 A 2 (b ), 7 A2 (a) और नियम 73 (1), नियम 127 एवं नियम 128 का उल्लंघन है.
क्षेत्रीय कार्यालय, छ.ग. पर्यावरण संरक्षण मण्डल, रायपुर द्वारा कारखाने की जांच में पाया गया, कि कारखाने में उत्तर पश्चिम में स्थापित ए एफ आर भंडारण कारखाने के लाईन 3 में स्थापित ए एफ आर भंडारण में परिसंकटमय अपशिष्ट खुले में रखा जाना पाया गया. उद्योग के आंतरिक मार्गों में वाहनों के परिवहन के दौरान फ्यूजिटिव डस्ट उत्सर्जन होना पाया गया और हाऊस कीपिंग व्यवस्था संतोषजनक नहीं पाया गया.
श्री सीमेंट संयंत्र में नियमों के पालन न किए जाने को लेकर सहायक संचालक, औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा ने वैधानिक कार्रवाई करते हुए कारखाना अधिनियम 1948 की धारा 40 (2) के तहत कारखाने के AFR भंडारण क्षेत्र, AFR फीडर एवं AFR श्रेडर मशीन को आगामी आदेश तक प्रतिबंधित करते हुए सील कर दिया गया है.
देखना अब यह होगा कि क्या वाकई श्री सीमेंट की इस बड़ी लापरवाही पर जिला प्रशासन सहित राज्य शासन कड़ी कार्रवाई करता है, या केवल खानापूर्ति करता है.