Som Pradosh Vrat: आज माघ कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के अवसर पर सोम प्रदोष व्रत है. यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है और इसे रखने से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं. प्रदोष व्रत के दौरान भगवान भोलेनाथ की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है.
सोम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
- प्रदोष पूजा मुहूर्त: शाम 05:56 बजे से रात 08:34 बजे तक
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 05:54 बजे से शाम 06:20 बजे तक
- संध्या: शाम 05:56 बजे से रात 07:16 बजे तक
सोम प्रदोष व्रत पूजा-विधि (Som Pradosh Vrat)
पूजा सामग्री तैयार करें: गंगा जल या शुद्ध जल बेलपत्र, धतूरा, अक्षत (चावल) फूल, धूप, दीपक, कुमकुम फल और मिठाई (भोग के लिए) घी का दीपक
गोधूलि बेला में पूजा करें
मंदिर में दीपक जलाएं. भगवान शिव का जल, दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से अभिषेक करें. शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और फूल चढ़ाएं. भोग अर्पित करें और धूप-दीप जलाकर शिवजी की आरती करें. प्रदोष व्रत की कथा सुनें या सुनाएं. यह कथा व्रत की महिमा को समझने में मदद करती है.
मंत्र जाप और आरती (Som Pradosh Vrat)
ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें. भगवान शिव की आरती करें और क्षमा प्रार्थना करें. सोम प्रदोष व्रत करने से कष्टों का निवारण होता है, सुख-समृद्धि प्राप्त होती है और भगवान शिव की कृपा से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
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