रायपुर- केंद्रीय जेल रायपुर में पूर्व मध्यमा प्रथम वर्ष और र पूर्व मध्यमा द्वितीय वर्ष की परीक्षा में 18 बंदी विद्यार्थी शामिल हुए. केंद्रीय जेल में वर्ष 2010 से प्रदेश की जेलों की इकलौती संस्कृत पाठशाला संचालित है, जिसमें बंदियों को व्यावसायिक संस्कृत से लेकर ज्योतिष, योगा और आयुर्वेद तक की शिक्षा दी जा रही है. जिसकी प्रशंसा राष्ट्रीय स्तर पर भी हो चुकी है.

स्कूल शिक्षा मंत्री एवं संस्कृत विद्यामण्डलम् के अध्यक्ष डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने आज केन्द्रीय जेल रायपुर स्थित संस्कृत परीक्षा केन्द्र का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान परीक्षा व्यवस्था सुव्यवस्थित पाई गई.

डॉ. प्रेमसाय सिंह ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि संस्कृत शिक्षा के संवर्धन के लिए हर संभव मदद दी जाएगी. छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामण्डलम् की मुख्य परीक्षा एक मार्च से शुरू हो चुकी हैं, जो 19 मार्च तक चलेगी. परीक्षा में प्रदेश भर में 30 परीक्षा केन्द्र बनाए गए हैं, जिनमें तीन हजार 233 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हो रहे हैं.

निरीक्षण के दौरान डीआईजी डॉ. केके गुप्ता ने जेल में संस्कृत पाठशाला की शैक्षणिक गतिविधियों और पाठ्क्रमों से अवगत कराया. उन्होंने जेल के ग्रंथालय उपलब्ध पुस्तकों के संबंध में भी संक्षिप्त जानकारी दी. शिक्षा मंत्री के नेतृत्व में निरीक्षण दल ने जेल पाठशाला में संचालित प्रक्रिया को पूरी तरह नियमानुसार और सुव्यवस्थित होना पाया और उसे टीम में दर्ज करते हुए परीक्षा व्यवस्था पर संतोष व्यक्त किया.

इस अवसर पर संस्कृत विद्यामण्डलम् के सचिव डॉ. सुरेश शर्मा, सहायक संचालक लक्ष्मण प्रसाद साहू सहित अतिरिक्त जेल अधीक्षक खोमेश मंडावी भी उपस्थित थे.