कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्ट्रीट डॉग बच्चों पर हमला कर रहे हैं, ग्वालियर में जनवरी महीने में करीब 4100 लोग स्ट्रीट डॉग का शिकार बने हैं। खास बात ये है कि स्ट्रीट डॉग ने 500 से ज्यादा छोटे बच्चों पर हमला किया। इनमें लगभग एक दर्जन से ज्यादा बच्चों पर तो स्ट्रीट डॉग का जानलेवा हमला हुआ। गंभीर हालत में बच्चे इलाज़ के लिए अस्पताल में भर्ती हुए हैं।  

स्ट्रीट डॉग के हमले के शिकार हुए बच्चे 

  • सिरोल ने 7 वर्षीय रविकांत पटेल पर 4 स्ट्रीट डॉग ने हमला किया, 17 घाव में 105 टांके लगे। बच्चा गंभीर हालत मे अस्पताल में भर्ती है। डॉक्टर ने ऑपरेशन कर बच्चे की जान बचाई।
  • महल गांव में 5 साल के बच्चे नरेंद्र पर 5 स्ट्रीट डॉग ने हमला किया। कुत्तों ने नरेंद्र के आंखें, सिर और कनपटी का मांस नोच लिया। बच्चे नरेंद्र को गंभीर हालत में जयरोग्य अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसका ऑपरेशन हुआ। 
  • ग्वालियर में 6 साल के बच्चे हर्षित पर तीन कुत्तों ने मिलकर हमला किया। घायल हालत में हर्षित को जयरोग्य अस्पताल भर्ती कराया जहां उसकी पैर, घुटने और कमर में 15 टांके लगे। 
  • मुरार में 8 साल के बच्चे अमीन पठान पर चार स्ट्रीट डॉग ने हमला कर दिया,अमीन के पैर का मांस नोच लिया, गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने 15 टांके लगाकर अमीन का इलाज किया। 
  • स्कूल से लौट रहे एक बच्चे के हाथ का अंगूठा काट लिया। 

ग्वालियर में स्ट्रीट डॉग का आतंक आंकड़ो से समझा जा सकता है, जनवरी महीने के 25 दिनों में 4100 लोगों को स्ट्रीट डॉग ने अपना शिकार बनाया। 10 साल से कम उम्र के 500 से ज्यादा बच्चे स्ट्रीट डॉग का शिकार बने हैं। आलम यह है की गली मोहल्ले, सड़क, या स्कूल के आसपास छोटे बच्चों को अकेले देखते ही स्ट्रीट डॉग  हमला कर देते हैं। बच्चों पर बढ़ते हमलों के चलते अब लोग दहशत में हैं। छोटे बच्चों को लोग घर से अकेले बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं। छोटे बच्चों को स्कूल, कोचिंग या खेल के मैदान में अभिभावक साथ लेकर जा रहें हैं। स्ट्रीट डॉग के बढ़ते हमलों से परेशान लोग नगर निगम और प्रशासन से ठोस कदम उठाने की मांग कर रहें हैं।

कलेक्टर ने स्ट्रीट डॉग के बढ़ते हमलों पर कही ये बात 

हाल ही में स्ट्रीट डॉग बाइट के बढ़ते मामले और छोटे बच्चों पर जानलेवा हमलों को रोकने में नगर निगम भी लापरवाह बन हुआ है।  नगर निगम का ABC (एनिमल बर्थ कंट्रोल) के तहत कुत्तों की नसबंदी भी नाकाफी साबित हो रही है। एकमात्र ABC सेंटर पर रोजाना 15 से 20 कुत्तों की नसबंदी हो रही है। यही वजह है कि एक साल में स्ट्रीट डॉग की तादाद 40 हज़ार से बढ़कर 55 हज़ार पहुंच गई है। उधर जिला प्रशासन अब स्ट्रीट डॉग को कंट्रोल करने और डॉग बाइट के केस पर लगाम लगाने के लिए नया प्लान बना रहा है। कलेक्टर रुचिका सिंह चौहान का कहना है कि स्ट्रीट डॉग के मेटिंग सीजन और उनके साथ छेड़छाड़ करने की वजह से भी डॉग बाइट के केस बढ़ें हैं। कलेक्टर के मुताबिक अभी ग्वालियर शहर में सिर्फ एक ही ABC सेंटर हैं, लेकिन अब चारों विधानसभा क्षेत्रों में एबीसी सेंटर शुरू किए जाएंगे। जब ABC सेंटर एक से बढ़कर 4 हो जाएंगे तो स्ट्रीट डॉग की नसबंदी का काम तेजी से बढ़ेगा और आबादी पर कंट्रोल किया जा सकेगा।

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ग्वालियर में स्थित डॉग की आबादी कंट्रोल करने के लिए नगर निगम ने ABC सेंटर के लिए कुत्तों की नसबंदी पर एक साल में 90 लाख रुपए का बजट खर्च कर दिया। लेकिन तादाद कम होने की बजाए 35 फीसदी बढ़ गई। स्ट्रीट डॉग की आबादी 40 हज़ार से 55 हज़ार हो गई। प्रशासन अब एबीसी केंद्र की संख्या चार करने जा रहा है। इसके बाद शायद स्ट्रीट डॉग की तादाद पर लगाम लगा पाए और डॉग बाइट के केस भी कम हो। 

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