प्रेग्नेंसी बदल देती है दिमाग का स्ट्रक्चर

प्रेग्नेंसी के दौरान फीमेल बॉडी में काफी चेंजमेंट आते हैं, फिजिकली चेंज होने के साथ साथ उनमें मेंटली भी काफी बदलाव देखने को मिलते हैं.

मां-बच्चे का रिश्ता सबसे खूबसूरत और निस्वार्थ प्रेम का एग्जांपल है. लेकिन हाल में आई स्टडी ने प्रेग्नेंसी के बाद होने वाले चेंजमेंट को लेकर बड़े दावें किए हैं.

मां-बच्चे का रिश्ता सबसे खूबसूरत और निस्वार्थ प्रेम का एग्जांपल है. लेकिन हाल में आई स्टडी ने प्रेग्नेंसी के बाद होने वाले चेंजमेंट को लेकर बड़े दावें किए हैं.

मदरहुड की होती है प्रिपरेशन

मां में जन्म से ही अपने बच्चे की देखभाल करने का स्वाभाविक गुण होता है. बच्चे का बर्थ लेना हर मां की जिंदगी का एक बड़ा माइलस्टोन होता है, जो उसे भावनात्मक रूप से काफी बदल देता है.

लेकिन यह बदलाव सिर्फ भावनात्मक नहीं होता, यानी हाल में आई एक स्टडी दावा करती है कि मां की बॉडी के साथ साथ उसका दिमाग भी चेंज होता है.

'नेचर कम्युनिकेशंस' में छपी एक स्टडी ने दिखाया कि गर्भावस्था मां के दिमाग को इस तरह बदलती है कि वह अपने बच्चे से जुड़ाव और लगाव महसूस करने लगती है.

इस स्टडी के मुताबिक, गर्भावस्था के दौरान दिमाग के ग्रे मैटर में स्ट्रक्चरल चेंजेस होते हैं, जो मां और बच्चे के बीच बॉन्डिंग को और मजबूत कर देते हैं.

इस रिसर्च में कई बदलाव सामने आए हैं. रिसर्चर्स ने 127महिलाओं को उनकी प्रे-कंसेप्शन से लेकर डिलीवरी के 6 महीने बाद तक स्टडी किया.

नतीजे चौंकाने वाले थे, क्योंकि प्रेग्नेंसी के दौरान, खासकर लेट स्टेज में, ग्रे मैटर वॉल्यूम में कमी देखी गई. वहीं डिलीवरी के बाद इसमें आंशिक रिकवरी भी हुई.

यह 'यू-शेप पैटर्न खासतौर पर उन ब्रेन रीजन में पाया गया जो सोशल कॉग्निशन, डिसीजन-मेकिंग और इमोशनल प्रोसेसिंग से जुड़े होते हैं.

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