Delhi Assembly Election 2025: बीजेपी दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी पूरी कोशिश कर रही है कि वह किसी भी तरह दिल्ली की सत्ता को जीत सके. हालांकि, चुनावी दंगल में किसी भी पार्टी को आसान जीत नहीं दिख रही है क्योंकि सभी सीटें और उनके समीकरण चुनावी पार्टियों को परेशान कर रहे हैं. बीजेपी ने चुनाव प्रचार में अपने राज्यों के सांसदों, मुख्यमंत्रियों, उप मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों को लगाया है. पिछले कई दिनों से, प्रत्येक नेता दिन में कई बड़े जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं.

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बीजेपी के हर नेता को चुनाव प्रचार में देखा जा रहा है क्योंकि पार्टी दिल्ली की सत्ता से कई साल से दूर है और हर सीट पर काम करना चाहती है ताकि वह सरकार बना सके. शनिवार (1 फरवरी) को बीजेपी के 4मुख्यमंत्री दिल्ली में अलग-अलग इलाकों में बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे.

केन्द्रीय गृह मंत्री के साथ 4 CM

01 फरवरी को, केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह दिल्ली में तीन सार्वजनिक कार्यक्रम करेंगे. हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी शनिवार को दिल्ली में आठ विधानसभाओं में भाषण देंगे. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तीन जनसभाओं को संबोधित करेंगे. राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी शनिवार (1 फरवरी) को दिल्ली में पांच जनसभाओं में जनता से मिलकर बीजेपी का समर्थन मांगेगे. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी आज दिल्ली में एक जनसभा करेंगे.

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हर दिन केंद्रीय मंत्रियों समेत कई सांसद जनता के बीच

बीजेपी चुनाव प्रचार को लेकर जानी जाती है. और कुछ इस अंदाज में बीजेपी के हर मंत्री और सांसद को इस तरह देखा जाता है क्योंकि दिल्ली में स्टार प्रचारकों के अलावा भी बीजेपी के हर कार्यकर्ता और नेता चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं. शनिवार, 1 फरवरी को राजस्थान के उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, लोकसभा सांसद अतुल गर्ग, लोकसभा सांसद अनुराग ठाकुर, सांसद मनोज तिवारी, सांसद रवि किशन और पूर्व सांसद दिनेश लाल निरहुआ भी विभिन्न इलाकों में जनसभाएं करेंगे.

अरविंद केजरीवाल पर बयानी हमला

बीजेपी के प्रत्येक नेता और मंत्री दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की नीतियों और कार्यों पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं. चाहे वह पानी, सीवर, झुग्गी झोपड़ी या शिक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दों पर हो, बीजेपी अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को घेरना चाहती है ताकि जनता को एक संदेश दे सके.

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बीजेपी को लगता है कि वह जनता के बीच बेहतर विकल्प बन सकता है, जबकि आम आदमी पार्टी दो बार की सत्ता के बाद तीसरी बार दिल्ली की चुनाव जीतना चाहती है.

दिल्ली विधानसभा चुनाव पांच फरवरी को होंगे, जबकि चुनाव प्रचार तीन फरवरी को समाप्त होगा. बचे हुए तीन दिन में पार्टियां अपनी पूरी ताकत झोंकती नजर आएंगी, और आठ फरवरी को नतीजे घोषित होंगे. सत्तारूढ़ पार्टी को विपक्ष ने वायु प्रदूषण, यमुना की सफाई, भ्रष्टाचार और शराब घोटाले जैसे मुद्दों पर घेर रहा है, जबकि आम आदमी पार्टी लगभग हर दिन लोगों के लिए नई योजनाओं का ऐलान कर रही है, ताकि वोटर्स को साधकर फिर से सत्ता पर काबिज हो सके. हालांकि, शुक्रवार को पार्टी को एक के बाद एक झटके लगे. पार्टी के 8 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा सौंप दिया.