Budget 2025: अमृतसर. पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने केंद्रीय बजट 2025 को राज्य के खिलाफ बताते हुए केंद्र सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि जब से केंद्र में भाजपा सरकार सत्ता में आई है, तब से पंजाब को वित्तीय भेदभाव (Financial Discrimination) का सामना करना पड़ रहा है. इस बार भी राज्य की उम्मीदें टूटी हैं और उसे कोई वित्तीय सहायता नहीं दी गई है.

खेती से जुड़े मुद्दों की अनदेखी

प्री-बजट बैठक में पंजाब सरकार ने कृषि क्षेत्र (Agriculture Sector) से जुड़े कई अहम मुद्दे उठाए थे, जिनमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी, कृषि विविधता को बढ़ावा, पराली प्रबंधन के लिए विशेष सहायता और कृषि क्षेत्र के लिए विशेष पैकेज शामिल थे. इस संबंध में केंद्र सरकार को एक मांग पत्र भी सौंपा गया था, लेकिन पंजाब को कोई राहत नहीं मिली.

सरहदी जिलों के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की जरूरत

हरपाल चीमा ने कहा कि पंजाब एक सीमावर्ती राज्य (Border State) है, इसलिए यहां के सरहदी जिलों के लिए विशेष आर्थिक पैकेज (Special Economic Package) जरूरी है ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके. उन्होंने मांग की कि जम्मू-कश्मीर की तरह पंजाब को भी औद्योगिक पैकेज दिया जाए, लेकिन केंद्र ने इस पर कोई विचार नहीं किया.

पुलिस ढांचे को मजबूत करने की मांग (Budget 2025)

इसके अलावा, पंजाब सरकार ने 1,000 करोड़ रुपये की मांग की थी ताकि पाकिस्तान सीमा (Pakistan Border) से सटे इलाकों में पुलिस ढांचे (Police Infrastructure) को मजबूत किया जा सके और सुरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाया जा सके. लेकिन इस अहम मुद्दे को भी बजट में नजरअंदाज कर दिया गया.

किसानों की अनदेखी, कृषि संकट गहराया (Budget 2025)

अकाली दल के पूर्व अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भी बजट की आलोचना करते हुए कहा कि यह केवल चुनावी राज्यों (Election States) पर केंद्रित है और इसमें समावेशी विकास (Inclusive Growth) की अनदेखी की गई है. उन्होंने कहा कि कृषि अर्थव्यवस्था पहले ही संकट में है, क्योंकि MSP की कानूनी गारंटी (MSP Legal Guarantee) नहीं दी गई और किसानों की कर्ज माफी (Farm Loan Waiver) पर भी कोई कदम नहीं उठाया गया.

देशभर में कृषि क्षेत्र (Agriculture Sector) की हालत को देखते हुए एक व्यापक कृषि कर्ज माफी योजना (Agriculture Loan Waiver Scheme) की जरूरत थी, लेकिन सरकार इसमें भी असफल रही. पंजाब के लोग उम्मीद कर रहे थे कि किसानों को धान की खेती छोड़कर वैकल्पिक फसलों की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा, लेकिन इसके लिए भी कोई फंड आवंटित नहीं किया गया.

नहर सिंचाई प्रणाली और रोजगार को भी झटका (Budget 2025)

पंजाब को अपनी नहर सिंचाई प्रणाली (Canal Irrigation System) को दुरुस्त करने के लिए फंड की जरूरत थी, लेकिन इसे भी बजट में जगह नहीं मिली. इसके अलावा, युवाओं, व्यापार और उद्योग (Youth, Business & Industry) को भी अनदेखा किया गया है, क्योंकि रोजगार सृजन (Employment Generation) या GST संग्रह प्रणाली (GST Collection System) में सुधार के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए.