Guillain Barre Syndrome Death: देश में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. इससे पीड़ित मरीजों और मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा. अब तक 4 राज्यों में 10 लोगों की जान जा चुकी है. ताजा मामला महाराष्ट्र (Maharashtra) और असम (Assam) से सामने आया है, जहां रविवार इस बीमारी से 2 लोगों की मौत हो गई. सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में 5 लोगों जीबी सिंड्रोम से जान गई है.

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महाराष्ट्र समेत देश भर के 5 राज्यों में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम पैर पसार चुका है. एकलौते महाराष्ट्र में इसके करीब 149 मरीज सामने आ चुके है. ये मरीज पुणे और पिपरी चिंचवाड़ इलाके से है. इसके अलावा तेलंगाना में एक मरीज की मौत पुष्टि की गई है. देश भर में लगातार जीबी सिंड्रोम के मरीज सामने आ रहे हैं.

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असम के गुवाहाटी में शनिवार को 17 साल की लड़की इस सिंड्रोम की चपेट में आकर दम तोड़ चुकी है. उसे 10 दिन पहले निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहीं तेलंगाना के सिद्दीपेट में 25 साल की महिला को GB सिंड्रोम के लक्षण के बाद KIMS में भर्ती कराया गया, जहां वो वेंटिलेटर सपोर्ट पर है. पश्चिम बंगाल में 30 जनवरी 2024 तक सिंड्रोम की चपेट में आने से 3 लोगों की मौत हो चुकी है. मृतकों में 2 बच्चे और एक बुजुर्ग शामिल है.

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बताया जा रहा है कि जीबी सिंड्रोम से 4 और बच्चें पीड़ित है. साथ ही राजस्थान के जयपुर में 28 जनवरी को लक्षत सिंह नाम के बच्चे की मौत हुई. वो कुछ दिनों से GB सिंड्रोम से जूझ रहा था. परिजनों ने उसका कई अस्पताल में इलाज कराया था. लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका.

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20 हजार का है GB सिंड्रोम का इंजेक्शन

GB सिंड्रोम का इलाज है, लेकिन काफी महंगा है. इससे पीड़ित मरीज को इम्युनोग्लोबुलिन (IVIG) इंजेक्शन लगाया जाता है. इस एक इंजेक्शन की कीमत प्राइवेट अस्पताल में 20000 रुपये है. मरीज को ठीक करने के लिए कितने इंजेक्शन लगाने पड़ेंगे, यह रिकवरी की स्पीड और डॉक्टरों पर निर्भर करेगा. सिंड्रोम से ग्रस्त 80% मरीज अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद 6 महीने तक बिना किसी सपोर्ट के चल नहीं पाते. कई मामलों में मरीज को एक साल या उससे ज्यादा समय भी लग सकता है.

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