सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ में पंचायत चुनाव से जुड़ी एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई है. खबर के मुताबिक राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदान कर्मियों की ड्यूटी ऐसी लगाई है कि प्रदेश भर में हजारों मतदान कर्मी मत देने से वंचित हो जाएंगे.

जी हां…! खबर पढ़कर थोड़ी हैरानी हो रही होगी, कि जिन कर्मियों ने शत-प्रतिशत मतदान कराने का संकल्प लिया है या जिन्हें निर्वाचन आयोग की ओर से शपथ दिलाई गई है कि वे मतदान करने के साथ-साथ लोगों को वोट देने के लिए जागरूक करेंगे वही वोट नहीं दे पाएंगे. लेकिन हैरान करने वाली ये खबर पूरी तरह से सच है.

दरअसल, निर्वाचन आयोग की ओर से 17 से 23 फरवरी तक होने वाले त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर जो ड्यूटी लगाई गई है उससे ग्रामीण क्षेत्रों के हजारों कर्मचारी ड्यूटी के फेर में फंस गए हैं. यह पेंच इस तरह फंसा है कि इसका हल फिलहाल आयोग के पास भी नहीं है और वह हल ढूंढने में लगा है.

समस्या पैदा हुई गांव के बाहर दूसरे गांव में ड्यूटी लगाने से. इससे बड़ी समस्या है पंचायत चुनाव में लगे मतदानकर्मियों को डाकमत पत्र से वोट के अधिकार नहीं मिलने से. इन समस्याओं को देखते हुए कई जिलों में कर्मचारी संघ की ओर से जिला निर्वाचन अधिकारियों से शिकायत भी की गई है.

इसपर अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के प्रांत अध्यक्ष कमल वर्मा ने कहा कि अभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को पत्र लिखा गया है. पत्र लिखने के बाद सुनवाई नहीं हुई है. कल प्रदेश के सभी कलेक्टरों और राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा जाएगा।

शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश चटर्जी ने कहा एक ही जगह की समस्या नहीं है पूरे प्रदेश में यही हाल है कर्मचारी अपने मत देने के अधिकार से वंचित हो रहे है और इसका कोई समाधान नहीं निकाला गया है, लगातार प्रदेश भर से कॉल आ रहा है, मतदान से वंचित होने की बात बतायी जा रही है क्योंकि कर्मचारियों को ड्यूटी दूसरे ज़्यादा लगायी गई है ड्यूटी छोड़कर मतदान करने नहीं हो सकते. हमारी यही माँग है कि आप ड्यूटी लो लेकिन मतदान के अधिकार से वंचित न करो मतदान का अधिकार कर्मचारियों को दिया जाए

शाला शिक्षक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र दूबे ने कहा शत प्रतिशत मतदान के लिए एक ओर अभियान चला रहे है दूसरी तरफ़ हज़ारों कर्मचारी मतदान वंचित हो रहे इसी को कहते हैं दिया तले अंधेरा मतदान कराएंगे लेकिन मतदान नहीं दे पाएंगे. इसकी शिकायत लगातार जिला कलेक्टरों निर्वाचन अधिकारी फिर भी अभी तक समाधान नहीं निकला है, अधिकारियों की सही मैपिंग नहीं करने की वजह से ये समस्या आ रही है, इसकी जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारियों को दे दी गई है.

अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के अध्यक्ष कमल वर्मा ने कहा जिला निर्वाचन अधिकारियों को पत्र सौंपा गया है, फिर भी समस्या का समाधान नहीं हुआ है. अब प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों और राज्य निर्वाचन आयोग को ज्ञापन सौंप कर अपने मत का अधिकार मांगेंगे.

राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव डॉ सर्वेश्वर भूरे ने कहा नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव के डेट अलग-अलग है. फिर भी पंचायत चुनाव में अगर कर्मचारी मतदान नहीं कर पाएंगे तो इसमें क्या हो सकता है इसके समाधान क्या है देखते हैं.

बेमेतरा कलेक्टर रणबीर शर्मा ने कहा कि क्योंकि हमारे पास कर्मचारी नहीं हैं. ऐसे में हमारी कोशिश है कि ज़्यादा से ज़्यादा मतदान कर्मी अपना वोट दे पाए. फिर भी कुछ बचेंगे उसके लिए अभी कोई विकल्प नहीं है क्योंकि बैलेट पेपर का प्रावधान नहीं है.