लखनऊ। महाकुंभ 2025 का तीसरा अमृत स्नान शुरु हो चुका है। साधु-सतों का जत्था त्रिवेणी संगम में अमृत स्नान कर रहा है। इसी बीच सीएम योगी ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए सभी को बसंत पंचमी के पावन अवसर पर हार्दिक बधाई दी। उन्होंने ‘अमृत स्नान’ कर पुण्य लाभ अर्जित करने वालों को बधाई दी और पूज्य साधु-संतों, धर्माचार्यों, सभी अखाड़ों, कल्पवासियों और श्रद्धालुओं को भी शुभकामनाएं दीं। त्रिवेणी संगम में पावन ‘अमृत स्नान’ पर सभी को बधाई देते हुए सीएम योगी ने सभी की सुख-शांति की कामना की।

त्रिवेणी संगम में सबसे पहले सुबह 5 बजे सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़े के संतों ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान सैकड़ों साधु-संत और नागा सन्यासियों के जय श्री राम, हर हर महादेव के नारे के पूरा महाकुंभ गूंज उठा। सभी साधु संतों ने हर हर महादेव की गूंज के साथ संगम में आस्था की डुबकी लगाई। त्रिवेणी संगम पर अमृत स्नान का यह सिलसिला दोपहर 2.25 बजे तक जारी रहेगा।

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महाकुंभ में 45 करोड़ श्रद्धालुओं आने की अनुमान

महाकुंभ में इस बार 45 करोड़ श्रद्धालुओं के पवित्र संगम में स्नान करने का अनुमान है। हर 12 साल बाद लगने वाले इस कुंभ में 144 साल बाद खास संयोग बन रहा है, क्योंकि अब तक 12 कुंभ पूरे हो चुके हैं। इसी वजह से इसे महाकुंभ कहा जा रहा है और इसमें आने वाला श्रद्धालुओं की संख्या पहले के किसी भी कुंभ से ज्यादा है। ऐसे में कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की गिनती के लिए यूपी सरकार ने हाईटेक उपकरणों का सहारा लिया है और इस बार AI बेस्ड कैमरे की मदद से लोगों की गिनती की जा रही है।

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पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश के लिए देवताओं और असुरों के बीच 12 दिन घमासान युद्ध हुआ।अमृत को पाने की लड़ाई के बीच कलश से अमृत की कुछ बूंदें धरती के चार स्थानों पर गिरी थीं। ये जगह हैं प्रयागराज, उज्जैन, हरिद्वार और नासिक। इन्हीं चारों जगहों पर कुंभ का मेला लगता है। जब गुरु वृषभ राशि में और सूर्य मकर राशि में होते हैं तब कुंभ मेला प्रयागराज में आयोजित किया जाता है. जब गुरु और सूर्य सिंह राशि में होते हैं, तब कुंभ मेला नासिक में आयोजित होता है। गुरु के सिंह राशि और सूर्य के मेष राशि में होने पर कुंभ मेला उज्जैन में आयोजित होता है। सूर्य मेष राशि और गुरु कुंभ राशि में होते हैं, तब हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है।