Budget and Stock Market: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार यानी 1 फरवरी को आम बजट पेश किया और बजट की प्रमुख घोषणाओं में 12 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा, जब तक कि अन्य माध्यमों से पूंजीगत लाभ न हो. यह बजट 2025 की सबसे बड़ी घोषणाओं में से एक थी.
आयकर में राहत देने के पीछे सरकार का पहला उद्देश्य घटते उपभोग को बढ़ाना है. इससे लोगों के हाथ में पैसा आएगा, जिसे वे अपनी जरूरतों के लिए खर्च कर सकेंगे या निवेश कर सकेंगे.
हालांकि शेयर बाजार के लिहाज से यह बजट तटस्थ रहा. भाषण के दौरान जिन घोषणाओं पर बाजार की नजर थी, उनमें पूंजीगत व्यय का आंकड़ा अहम था, लेकिन सरकार ने पूंजीगत व्यय में कोई खास बदलाव नहीं किया और पूंजीगत व्यय को 10.80 लाख करोड़ रुपये पर ही बरकरार रखा.
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शेयर बाजार इंफ्रा बूस्ट के लिए पूंजीगत व्यय बढ़ाए जाने का इंतजार कर रहा था. धीमी होती अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए उम्मीद थी कि बजट में मैन्युफैक्चरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए कुछ खास होगा, लेकिन बजट भाषण में ऐसा कुछ नहीं हुआ.
इस घोषणा के बाद बाजार की शुरुआती बढ़त खत्म हो गई और बेंचमार्क इंडेक्स बढ़त से गिरावट की ओर चले गए. एक तरफ स्वास्थ्य सेवा में कुछ घोषणाएं की गईं और आयकर स्लैब को 12 लाख तक कर मुक्त कर दिया गया.
दूसरी तरफ पूंजीगत व्यय को 11.11 लाख करोड़ रुपये से घटाकर 10.80 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया, जिससे बाजार निराश हुआ और बाजार का रुख तटस्थ हो गया. साथ ही बजट में विकास के आंकड़े नहीं दिए गए. राजकोषीय घाटा 4.4% पर है, लेकिन जीडीपी के आंकड़े नहीं दिए गए.
गिरते रुपये को संभालने के लिए बीमा क्षेत्र में एफडीआई को 74% से बढ़ाकर 100% कर दिया गया. साथ ही पर्यटन क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया गया. हालांकि, शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म टैक्स में कोई बदलाव न करना बाजार के पक्ष में रहा.
Budget and Stock Market: कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि आयकर में राहत के बाद बुनियादी ढांचे को बढ़ावा न मिलने के कारण शेयर बाजार में वह तेजी नहीं देखी जा सकी जिसकी उम्मीद थी.
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