प्रयागराज। महाकुंभ 2025 का तीसरा अमृत स्नान जारी है। साधु-सतों के साथ-साथ देश और दुनिया के कोने-कोने से आए श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। दोपहर 12 बजे तक 1 करोड़ 25 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान कर लिया है। वहीं 10 लाख से अधिक श्रद्धालु महाकुंभ में कल्पवास कर रहे है। 2 फरवरी तक 34.97 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके है।
महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद मेला क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था के अतरिक्त इंतजाम किए गए है। ऑपरेशन 11 के जरिए महाकुंभ के भीड़ को नियंत्रित किया जा रहा है। एडीजी जोन भानु भास्कर इसे लीड कर रहे है। इस कार्यक्रम की निगरानी मुख्यमंत्री कार्यालय से हो रही है। आपको बता दें कि बसंत पंचमी के अमृत स्नान के अवसर पर मैन टू मैन मार्किंग के साथ काम किया जा रहा है। इसके तहत हर श्रद्धालु पर नजर रखी जा रही है। लगातार माइक से अनाउंस भी किया जा रहा है। जरूरी दिशा निर्देश एवं घाटों की जानकारी देने के लिए विशेष दस्ता तैयार किया है। जिससे कि पुरानी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
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CM योगी खुद कर रहे निगरानी
इधर, बसंत पंचमी के अमृत स्नान की निगरानी खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर रहे है। योगी अपने सरकारी आवास पर बने वॉर रूम से सुबह 3:30 बजे से महाकुंभ के त्रिवेणी संगम पर हो रहे स्नान की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। इस दौरान डीजीपी और प्रमुख सचिव गृह भी उनके साथ मौजूद हैं। सीएम योगी बसंत पंचमी के शाही स्नान का अपडेट लेते हुए स्थिति की पूरी निगरानी कर रहे हैं। सीएम योगी ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए सभी को बसंत पंचमी के पावन अवसर पर हार्दिक बधाई दी। उन्होंने ‘अमृत स्नान’ कर पुण्य लाभ अर्जित करने वालों को बधाई दी और पूज्य साधु-संतों, धर्माचार्यों, सभी अखाड़ों, कल्पवासियों और श्रद्धालुओं को भी शुभकामनाएं दीं।
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महाकुंभ से जुड़ी पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश के लिए देवताओं और असुरों के बीच 12 दिन घमासान युद्ध हुआ।अमृत को पाने की लड़ाई के बीच कलश से अमृत की कुछ बूंदें धरती के चार स्थानों पर गिरी थीं। ये जगह हैं प्रयागराज, उज्जैन, हरिद्वार और नासिक। इन्हीं चारों जगहों पर कुंभ का मेला लगता है। जब गुरु वृषभ राशि में और सूर्य मकर राशि में होते हैं तब कुंभ मेला प्रयागराज में आयोजित किया जाता है। जब गुरु और सूर्य सिंह राशि में होते हैं, तब कुंभ मेला नासिक में आयोजित होता है। गुरु के सिंह राशि और सूर्य के मेष राशि में होने पर कुंभ मेला उज्जैन में आयोजित होता है। सूर्य मेष राशि और गुरु कुंभ राशि में होते हैं, तब हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है।
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