झारखंड(Jharkhand) का कुख्यात गैंगस्टर सुजीत सिन्हा(Sujit Sinha) हजारीबाग जेल से ही अपना गिरोह चला रहा है. जेल में रहते हुए भी गिरोह को एक कॉरपोरेट कंपनी(Corporate Company) की तरह चलाता है. झारखंड ATSऔर रांची पुलिस की जांच से पता चला है कि गुर्गों को हर महीने वेतन के साथ वारदात को अंजाम देने के लिए सभी सुविधाएं दी जाती हैं, यहां तक कि रेकी करने वाले गुर्गों को भी अलग से राशि दी जाती है.

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परीक्षण में पता चला कि गैंगस्टर रंगदारी मांगने, रेकी करने, वारदात को अंजाम देने और हथियार रखने वाले के लिए वेतन निर्धारित करने के लिए अपने गुर्गों को काम के हिसाब से पैसा देता है. हालांकि, गैंगस्टर ने पूछताछ में बताया नहीं कि वह किस गुर्गे को कितना पैसा देता है. पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह अपने गुर्गों को प्रति महीने 15 से 40 हजार रुपये देता है, लेकिन आशंका है कि गैंगस्टर सुजीत सिन्हा पर हत्या, रंगदारी और गोलीबारी समेत कई मामले दर्ज हैं.

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हर महीने राज्य से कर रहा करोड़ों की उगाही

रांची समेत राज्यभर में गैंगस्टर सुजीत सिन्हा का गैंग फैला हुआ है. हालांकि, वह खुद जेल में बंद है, लेकिन गुर्गों के जरिए रंगदारी की वसूली लगातार करा रहा है. पुलिस के अनुसार, रांची समेत राज्यभर में उसके तीन दर्जन से अधिक गुर्गें हैं. गुर्गे भूमि माफिया, कोयला कारोबारी, ठेकेदार, सीसीएल अधिकारी और अन्य व्यवसायियों की सूची गुर्गों द्वारा गैंगस्टर तक पहुंचाई जाती है, जिसके बाद गैंगस्टर के निर्देश पर कारोबारियों से रंगदारी की वसूली की जाती है. कुछ कारोबारियों से गैंगस्टर खुद रंगदारी मांगता है, लेकिन अधिकांश से वह अपने गुर्गों के माध्यम से रंगदारी मांगता है. इस तरह, गैंगस्टर हर महीने करोड़ों रुपए की उगाही करता है.

सोशल नेटवर्किंग साइट का इस्तेमाल

गिरोह पूरी तरह से व्यवस्थित है और सरगना और उसके खास लोग सोशल मीडिया पर निर्देश देते हैं. पूछताछ में गैंगस्टर ने बताया कि उसके निर्देश पर गुर्गे सोशल मीडिया पर कोयला कारोबारी, ठेकेदार, जमीन कारोबारी और अन्य व्यवसायियों से रंगदारी की मांग करते हैं और रंगदारी नहीं मिलने पर कारोबारियों को अपहरण और हत्या करने की धमकी दी जाती है.

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गुर्गों को मिलता है वेतन

● रंगदारी मांगने, रेकी करने, वारदात करने और हथियार रखने वाले के लिए वेतन निर्धारित ● गुर्गों को हर महीने वेतन के साथ वारदात करने पर सुविधाएं दी जाती हैं

● गैंगस्टर प्रत्येक गुर्गों को 15 से 40 हजार रुपये प्रति महीने देता है.

सबसे ज्यादा वेतन शूटरों को

गिरोह में हत्याकांडों को अंजाम देने वाले शूटरों को सबसे अधिक वेतन मिलता है, वहीं हथियारों को मौके पर पहुंचाने और वारदात को अंजाम देने के बाद फिर हथियारों को वापस भेजने वालों को 15 से 20 हजार रुपये मिलते हैं. ओरमांझी में जमीन कारोबारी संजीव जायसवाल के करीबियों पर गोलीबारी से पहले गैंगस्टर ने 20 हजार रुपये दिए.