लखनऊ। महाकुंभ में देश और दुनिया के कई बड़ी राजनीतिक हस्तियां शिरकत कर रही है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह से लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने महाकुंभ में डुबकी लगाई है। इसी बीच कांग्रेस नेता राहुल और प्रियंका गांधी के महाकुंभ जाने की चर्चा हो रही है। 10 फरवरी के बाद कांग्रेसी नेता महाकुंभ जा सकते है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष समेत अन्य कांग्रेसी नेता महाकुंभ में शामिल होंगे और त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे। महाकुंभ को लेकर कांग्रेस नेताओं की योजनाएं बन रही हैं।
35 करोड़ से ज्यादा लोगों ने किया स्नान
महाकुंभ की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। सात समंदर पार के लोग कुंभ की दिव्यता और भव्यता को देखने के लिए आ रहे है। भारत की प्राचीन परंपरा और यहां की सनातन संस्कृति विदेशी लोगों के मन को भा रही है। जिसके परिणामस्वरूप महाकुंभ में अब तक 35 करोड़ से भी ज्यादा श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगा ली है। बसंती पंचमी के मौके पर डेढ़ करोड़ से भी ज्यादा लोगों ने त्रिवेणी संगम में शाही स्नान किया और मां गंगा का आशीर्वाद प्राप्त किया। वहीं 10 लाख से अधिक श्रद्धालु महाकुंभ में कल्पवास कर रहे है।
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महाकुंभ क्यों मनाया जाता है
पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश के लिए देवताओं और असुरों के बीच 12 दिन घमासान युद्ध हुआ। अमृत को पाने की लड़ाई के बीच कलश से अमृत की कुछ बूंदें धरती के चार स्थानों पर गिरी थीं। ये जगह हैं प्रयागराज, उज्जैन, हरिद्वार और नासिक। इन्हीं चारों जगहों पर कुंभ का मेला लगता है। जब गुरु वृषभ राशि में और सूर्य मकर राशि में होते हैं तब कुंभ मेला प्रयागराज में आयोजित किया जाता है। जब गुरु और सूर्य सिंह राशि में होते हैं, तब कुंभ मेला नासिक में आयोजित होता है। गुरु के सिंह राशि और सूर्य के मेष राशि में होने पर कुंभ मेला उज्जैन में आयोजित होता है। सूर्य मेष राशि और गुरु कुंभ राशि में होते हैं, तब हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है।
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