8th Pay Commission Report: मोदी सरकार ने हाल ही में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 8वां वेतन आयोग प्रस्तावित किया है। इसके तहत 1 करोड़ से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों (Government employees) और पेंशनर्स के पेंशन और भत्तों में इजाफा होगा। हालांकि सरकारी कर्मचारियों को बढ़ी हुई सैलरी पाने के लिए अभी लंबा इंतजार करना होगा। जी हां 1 करोड़ से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को हर महीने मोटी रकम पाने के लिए कम से कम एक साल इंतजार करना होगा।
दरअसल भारत सरकार ने 1 फरवरी को संसद में पेश हुए वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में आठवें वेतन आयोग के आधार पर बढ़ने वाले सैलरी के लिए कोई पैसा नहीं डाला है। अभी आठवें वेतन आयोग के लिए अभी टर्म ऑफ रिफरेंस ही मांगा जा रहा है। इस तरह वेतन आयोग की रिपोर्ट आने में कम से कम सालभर लगेंगे। उसके बाद ही यह तय हो पाएगा कि किस स्टाफ की सैलरी कितनी बढ़ेगी। उस बढ़ी हुई सैलरी का आकलन कर ही भारत सरकार अपने अगले बजट यानी 2026-27 के बजट में इसके लिए पैसे की व्यवस्था कर पाएगी।
वित्त मंत्रालय के एक्सपेंडिचर सेक्रेटरी मनोज गोविल ने भी यह स्वीकार किया है कि अगले फाइनेंशियल ईयर से ही सरकारी स्टाफ को आठवें वेतन आयोग के मुताबिक बढ़ा हुआ पैसा मिलना संभव हो पाएगा। अभी वित्त मंत्रालय ने डिफेंस मिनिस्ट्री, होम मिनिस्ट्री और कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय को पत्र भेजकर टर्म ऑफ रिफरेंस का सुझाव देने के लिए कहा है। उनके टर्म ऑफ रिफरेंस को भारत सरकार की मंजूरी के बाद ही भारत सरकार के वेतन आयोग के काम की प्रक्रिया शुरू होगी।
16 जनवरी को कैबिनेट बैठक में पीएम मोदी ने दी थी स्वीकृति
बता दें कि नई दिल्ली में 16 जनवरी को हुई कैबिनेट की बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी ने 8वें वेतन आयोग की स्वीकृति दी थी। सरकार के इस फैसले का फायदा 49.18 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को मिलेगा। इसके साथ-साथ 64.89 लाख पेंशनर्स को भी इससे फायदा मिलेगा। सरकारी कर्मचारियों को सैलरी इजाफा, वेतन के साथ अन्य भत्तों और बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी जैसे फायदे मिलेंगे।
कर्मचारियों के वेतन में होगी दोगुनी बढ़ोतरी
8वें वेतन आयोग में यदि फिटमेंट फैक्टर को 1.92 किया जाएगा तो इसकी मदद से देश में सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये से बढ़कर 34,560 रुपये हो सकता है। वहीं सरकारी नौकरी से रिटायर्ड पेंशनर्स की मिनिमम पेंशन 17,280 रुपये तक पहुंच सकती है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर सरकार 8वें वेतन आयोग के तहत 1.92 के फैक्टर पर समझौता कर सकती है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार कम से कम 2.86 के उच्च फिटमेंट फैक्टर का विकल्प चुनेगी।
7वें वेतन आयोग में कितनी बढ़ी थी सैलरी
छठें वेतन आयोग (6th Pay Commission) से 7वें वेतन आयोग में शिफ्ट होने के दौरान सरकार ने फिटमेंट फैक्टर को 2.57 ही रखा था। इस फिटमेंट फैक्टर की मदद से केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 7000 रुपये से बढ़कर 18 हजार रुपये हो गई थी। इसके अलावा मिनिमम पेंशन भी 3500 रुपये से बढ़कर 9000 रुपये हो गई थी। नौकरी कर रहे कर्मचारियों का अधिकतम वेतन 2.50 लाख रुपये पर आ गया था।थ पेंशनर्स के लिए अधिकतम पेंशन भी 1.25 लाख रुपये पर चली गई थी।
हर 10वें साल नए वेतन आयोग का गठन होता है
बता दें कि भारत सरकार की ओर से हर 10 साल में नए वेतन आयोग का गठन किया जाता है। 7वां वेतन आयोग 1 जनवरी, 2016 से देश में लागू हुआ था। वेतन आयोग, केंद्रीय कर्मचारियों, ऑल इंडिया सर्विसेज, केंद्र शासित प्रदेश, इंडियन ऑडिट एंड अकाउंट्स डिपार्टमेंट से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी, रेग्यूलेटरी अथॉरिटी से जुड़े कर्मचारी और अधिकारी, सुप्रीम कोर्ट के अधिकारी कर्मचारी और डिफेंस फोर्सेज से जुड़े पर्सनल्स के वेतन, भत्तों, रैंक स्ट्रक्चर और पेंशन को लेकर अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपती है।
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