पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। बिंद्रानवागढ़ के पूर्व विधायक चरण सिंह मांझी के छोटे सुपुत्र जितेंद्र मांझी ने अपने गृह ग्राम पंचायत गिरशूल से सरपंच पद के लिए नामांकन दाखिल किया है। लेकिन इस नामांकन पर विवाद खड़ा हो गया है। सरपंच पद के एक अन्य उम्मीदवार और अधिवक्ता कन्हैया मांझी ने उनके खिलाफ दावा-आपत्ति दर्ज कराई, जिसमें यह आरोप लगाया गया कि जितेंद्र की पत्नी तिरोजा मांझी के सरपंच कार्यकाल (2010-2015) के दौरान पंचायत पर 2.71 लाख रुपये की बकाया राशि थी, जिसे अब तक जमा नहीं किया गया था।

बता दें कि कन्हैया मांझी ने आरोप लगाया है कि बकाया होने के बावजूद जितेंद्र मांझी ने लगातार दो बार पंचायत चुनाव लड़ा और उन्हें अदेय प्रमाण पत्र (नो ड्यूज सर्टिफिकेट) जारी किया गया। इस बार अधिवक्ता कन्हैया मांझी ने चुनावी प्रक्रिया में आपत्ति दर्ज कराई, जिससे मामला उजागर हो गया। आपत्ति दर्ज होते ही दोपहर 3 बजे पंचायत के खाते में 2.71 लाख रुपये जमा कर दिए गए। हालांकि, कन्हैया मांझी ने आरोप लगाया कि पंचायती राज अधिनियम के अनुसार बकाया राशि पर 12% ब्याज जोड़ा जाना चाहिए था, लेकिन केवल मूल राशि ही जमा की गई।

अधिवक्ता कन्हैया मांझी

कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद हुई आपत्ति स्वीकार

इस विवाद को लेकर कन्हैया मांझी के प्रस्तावक भोज सिंह दोपहर 1 बजे निर्वाचन कार्यालय पहुंचे और लिखित आपत्ति दर्ज कराने का प्रयास किया। लेकिन निर्वाचन अधिकारी ने समय समाप्त होने का हवाला देकर इसे लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद कन्हैया मांझी ने कलेक्टर दीपक अग्रवाल से दूरभाष पर संपर्क किया और राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव सर्वेश्वर भूरे से भी मार्गदर्शन लिया। बड़े अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद आखिरकार आपत्ति दर्ज की गई।

शिकायत पत्र

कल तहसीलदार के समक्ष होगा मामले का निराकरण

जनपद पंचायत देवभोग के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) रवि सोनवानी ने बताया कि इस मामले का निराकरण कल तहसीलदार के समक्ष किया जाएगा। आपत्ति दर्ज होने के बाद पंचायत सचिव से आवश्यक दस्तावेज मंगाए गए हैं। इस विवाद के चलते गिरशूल पंचायत चुनाव में नई हलचल मच गई है, अब देखना होगा कि प्रशासन इस पर क्या निर्णय लेता है।

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