एक्टर अभिषेक बच्चन (Abhishek Bachchan) और ऐश्वर्या राय बच्चन (Aishwarya Rai Bachchan) की बेटी आराध्या बच्चन (Aaradhya Bachchan) बॉलीवुड की मशहूर स्टार किड्स में से एक हैं. आराध्या अक्सर किसी न किसी वजह से सुर्खियों में रहती हैं. वहीं, अब खबर है कि आराध्या बच्चन (Aaradhya Bachchan) ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक नई याचिका दायर किया है. आराध्या की नई याचिका पर कार्रवाई करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने गूगल और कई अन्य वेबसाइटों को नोटिस भेजा है. इस मामले की अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी. यह मामला स्टार किड के स्वास्थ्य के बारे में कुछ भ्रामक जानकारी से जुड़ा है.

क्या बात है?

आराध्या बच्चन (Aaradhya Bachchan) के वकील ने उच्च न्यायालय को बताया कि कुछ अन्य अपलोडर अभी तक पेश नहीं हुए हैं और उनका अपना बचाव करने का अधिकार पहले ही समाप्त कर दिया गया है. इससे पहले भी आराध्या बच्चन (Aaradhya Bachchan) ने नाबालिग होने का हवाला देते हुए, अपने बारे में झूठी रिपोर्टिंग पर रोक लगाने की मांग की थी. इस याचिका में आराध्या बच्चन (Aaradhya Bachchan) के बारे में भ्रामक जानकारी के संबंध में निर्णय लेने की अपील की गई है.

Read More – Kareena Kapoor ने पति Saif Ali Khan के हेल्थ को लेकर दिया अपडेट, कहा- उनके हाथ में चोट लगी है, परिवार के बाकी सदस्य …

काफी नाराज है बच्चन परिवार

इस मामले में न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा ने बच्चन परिवार के वकील की सभी दलीलें सुनीं और इस बात पर सहमति जताई कि इस मामले में प्रतिवादी और अपलोडर अदालत में पेश नहीं हुए. ऐसी स्थिति में उनके पास अपने बचाव में कोई स्पष्टीकरण देने का कोई मौका नहीं है. इस मामले की अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी. बच्चन परिवार ने यह फैसला अपनी नाबालिग बेटी आराध्या बच्चन (Aaradhya Bachchan) की निजता के अधिकार और उसके स्वास्थ्य की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया है.

Read More – योगिनी लुक में नजर आई Shilpa Shetty, फैंस की बढ़ी उत्सुकता …

यूट्यूबर्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया

इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने 2023 में अभिषेक बच्चन (Abhishek Bachchan) और ऐश्वर्या राय बच्चन (Aishwarya Rai Bachchan) की बेटी आराध्या बच्चन (Aaradhya Bachchan) के स्वास्थ्य को लेकर गलत जानकारी साझा करने पर रोक लगा दी थी. इस दौरान कोर्ट ने इस बात पर भी जोर दिया कि कोई भी बच्चा, चाहे वह किसी सेलिब्रिटी का हो या आम आदमी का, सम्मान और आदर का हकदार है. किसी भी बच्चे के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारी फैलाना गलत और पूरी तरह से अस्वीकार्य है.