नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है वैसे राजनीतिक पार्टियों का प्रचार- प्रसार जोरों पर चल रहा है. जिसमें पार्टी अपने बैनर पोस्टर पर सैनिकों की तस्वीर का इस्तेमाल कर रहे है. जिसकी शिकायत चुनाव आयोग से की गई और आयोग ने मामले में संज्ञान लेते हुए राजनीतिक दल प्रचार के लिए सेना के जवानों की फोटो का इस्तेमाल न करने के निर्देश दिए है.

दरअसल चुनाव आयोग को शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ राजनीतिक दल अपने विज्ञापनों और प्रचार सामग्री में जवानों की तस्वीरें लगा रहे हैं. हाल ही में दिल्ली में भाजपा के चुनावी पोस्टर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह के साथ वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन के फोटो देखे गए थे. चुनाव आयोग के निर्देश में कहा गया कि आर्मी चीफ या कोई भी सेना का जवान और फौजों के किसी कार्यक्रम का फोटो किसी भी रूप में विज्ञापन या प्रोपेगैंडा या प्रचार अभियान में किसी राजनीतिक दल या उम्मीदवार द्वारा इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.

बता दें कि चुनाव आयोग ने 2013 का आदेश सभी मान्यता प्राप्त दलों को दोबारा जारी किया है. इसमें कहा है कि सशस्त्र बल देश की सुरक्षा और राजनीतिक प्रणाली के रखवाले हैं. आधुनिक लोकतंत्र में वे गैर-राजनीतिक और निष्पक्ष होते हैं. राजनीतिक दल और राजनेता अपने प्रचार के दौरान सशस्त्र बलों का कोई भी उल्लेख करते वक्त ऐहतियात बरतें.

गौरतलब है कि पाक के एफ-16 को मार गिराने के बाद विंग कमांडर अभिनंदन का मिग-21 क्रैश हो गया था. वह इजेक्ट होकर पाक के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में गिरे थे. पाक अफसरों ने अभिनंदन को 1 मार्च को रिहा किया था. इसके बाद उन्हें पूरे देश ने उन्हें जहां राष्ट्रीय हीरो जैसा सम्मान दिया, वहीं राजनीतिक दलों ने भी उनकी तस्वीर को बैनर-पोस्टर में इस्तेमाल किया.