ना नमाज, ना रोजा, मस्जिद के बाहर नाच-गाकर इबादत करते हैं यहां के मुसलमान
इस्लाम में नमाज, रोजा, जकात, हज को सबसे ज्यादा महत्व दिया गया है. दुनिया भर के मुसलमान इन नियमों का पालन करते हैं, लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि मुस्लिमों का एक ऐसा समूह भी है जो ना तो नमाज पढ़ता है और ना रोजा रखता है.
अफ्रीका के सेनेगल देश में रहने वाले मुसलमानों का एक हिस्सा बिल्कुल अलग तरह की इस्लामिक प्रैक्टिस करता है. Baye Fall समुदाय के मुसलमान ना नमाज पढ़ते हैं, ना रोजा रखते हैं.
बाय फॉल समुदाय के ये मुसलमान एक मस्जिद के बाहर छोटा घेरा बनाकर इकट्ठा होते हैं. फिर झूमते हैं और एक स्वर में गाते हैं. वे इसी तरह उत्सव के रूप में अल्लाह की इबादत करते हैं.
मुसलमानों पर 5 वक्त की नमाज फर्ज है. लेकिन बाय फॉल मुस्लिम हफ्ते में केवल 2 बार ही इबादत करते हैं. उनकी प्रार्थना 2 घंटे तक चलती है.
Baye Fall सेनेगल के बड़े मौराइड ब्रदरहुड का एक उप-समूह है, जो अन्य मुस्लिम समूहों से अलग है. इनकी आबादी 1 करोड़ 70 लाख की है. इस समुदाय के लोग शराब-गांजा भी पीते हैं, जो कि इस्लाम में हराम है.
शेख अहमदौ बाम्बा ने 19वीं सदी में मौराइड ब्रदरहुड की स्थापना की थी. यह सूफी इस्लाम की एक शाखा है, जिसके लिए कहा जाता है कि उन्होंने बाम्बा की सेवाओं के लिए खुद को समर्पित कर दिया था.
इन मुसलमानों का पहनावा भी बेहद अलग और खास है. Baye Fall मुस्लिम पैचवर्क वाले कपड़े पहनते हैं. इनके कपड़े अलग-अलग रंगों के ढेर सारे पैबंदों से बने होते हैं.