परवेज आलम/प. चंपारण: बगहा के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में सांपों की कई प्रजातियां पाई जाती हैं. इन्हीं सांपों में से एक मॉक वाइपर देखने को मिला. जिसका गुस्सा देख कोई भी डर जाए. वाइपर प्रजाति के इस सांप को झूठा या नकली सांप की संज्ञा दी गई है. यह VTR में बहुतायत संख्या में पाया जाता है, लेकिन कभी कभार ही नजर आता है. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में तकरीबन 45 प्रजाति के सांप पाए जाते हैं. इसमें कई बेहद जहरीले और खतरनाक हैं, तो वहीं कई खतरनाक दिखने के बावजूद जहरीले नहीं होते हैं.

कभी कभार ही दिखता है यह सांप

गैर जहरीले सांपों के काटने से इंसान मरता नहीं है. उसे उल्टी या चक्कर आ सकते हैं. इसी तरह का एक सांप वाल्मीकि टाइगर रिजर्व वन क्षेत्र के बिसाहा में देखने को मिला, जो बहुतायत संख्या में होने के बावजूद कभी कभार ही दिखता है. यह सांप देखने में अन्य वाइपर सांपों की तरह ही नजर आता है, लेकिन फुर्तीला होने के बावजूद घातक और जहरीला नहीं होता है. वन्य जीव जंतुओं के जानकार वीडी संजू बताते हैं कि मॉक वाइपर नारंगी कलर का खूबसूरत सांप होता है, जिसकी लंबाई 2 फीट तक होती है. यह जंगल और झाड़ियों के बीच में रहना पसंद करता है. जंगल से बाहर कम ही आता है. VTR में कई तरह के वाइपर सांप पाए जाते हैं. इनमें रसेल वाइपर, नाक-सींग वाला वाइपर, पिट वाइपर भी शामिल हैं, जो बेहद जहरीले होते हैं. वहीं, मॉक वाइपर जहरीला नहीं होता है, लेकिन वार काफी फुर्ती से करता है.

विषैले वाइपर की नकल करते हैं यह सांप

नेचर एनवायरनमेंट वाइल्ड लाइफ सोसायटी संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिषेक बताते हैं कि ये सांप एशिया में व्यापक रूप से पाए जाता है. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में भी मॉक वाइपर सांप काफी संख्या में हैं. ये कभी कभार ही लोगों को नजर आते हैं. इनकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह एक छलावा यानी झूठा सांप है, क्योंकि यह अन्य जहरीले और खतरनाक वाइपर प्रजाति के सांपों की तरह ही रिएक्ट करता है और खुद को वैसा ही खतरनाक दर्शाता है, लेकिन सच्चाई ठीक इसके विपरीत होती है. यह विषैला सांप नहीं होता है. इनके सिर के ऊपर अक्सर दिखने वाला एक विशिष्ट Y-आकार का पैटर्न होता है. ये सांप आत्मरक्षा के लिए अत्यधिक विषैले वाइपर की नकल करते हैं. 

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