कृष्ण कुमार मिश्र, जौनपुर। अपर सत्र न्यायाधीश (पाक्सो) उमेश कुमार की अदालत ने 10 वर्ष पूर्व नाबालिग के अपहरण व दुष्कर्म के आरोपी युवक को 20 वर्ष के कारावास एवं 60500 रूपए अर्थदंड से दंडित किया। जबकि अपहरण में सहयोगी को 5 वर्ष के कारावास व 10500 रूपए जुर्माने से दंडित किया। अभियोजन कथानक के अनुसार शाहगंज थाना क्षेत्र निवासी पीड़िता ने अभियोग पंजीकृत करवाया कि 29 दिसंबर 2015 को रात्रि 12:00 बजे उसके गांव का रहने वाला अभिषेक उर्फ गुड्डू पुत्र मदनलाल उससे शादी करने का झांसा देकर बहला- फुसलाकर कर भगा ले गया था। 2 जनवरी 2016 को वह वापस अपने घर आई।
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शादी का झांसा देकर बनाया संबंध
पीड़िता ने न्यायालय में दिए बयान में कहा कि अभिषेक शादी करने का झांसा देखकर मुंबई ले जाने की बात कह कर उसे भगाया था और किराए भाड़े की व्यवस्था होने तक अपने दोस्त के घर में रखा था। घर वालों को पता चलने पर वह वापस अपने घर आ गई। शादी का झांसा देकर अभिषेक ने उसके साथ चार बार दुष्कर्म किया था जिसकी वजह से वह गर्भवती हो गई थी। किंतु जिरह में पीड़िता अपने पूर्व के बयान से मुकर गई तथा अभिषेक उर्फ गुड्डू व सर्वजीत को निर्दोष बताया।
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शासकीय अधिवक्ता राजेश उपाध्याय, कमलेश राय व रमेश चंद्र पाल के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों व बहस के पश्चात न्यायालय ने परिस्थिति जन्य साक्ष्य के आधार पर नाबालिग पीड़िता के गर्भ में चार माह के भ्रूण को दुष्कर्म का साक्ष्य मानते हुए आरोपियों को दोषसिद्ध पाया और दोनों आरोपियों को उक्त दंड से दंडित किया।
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