Bangladesh Violence: बांग्लादेश में फिर हिंसा भड़क गई है। दंगाइयों ने बुधवार रात जमकर जमकर उत्पात मचाते हुए पूर्व पीएम शेख हसीना के पिता और बांग्लादेश के संस्थापक ‘बंगबंधु’ शेख मुजीबुर्रहमान (Sheikh Mujibur Rahman) के ढाका स्थित घर धनमंडी-32 को आग के हवाले कर दिया। इसके बाद बुल्डोजर से जमींदोज कर दिया। यह तोड़फोड़ उस समय हुई जब उनकी बेटी और अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) लोगों को ‘ऑनलाइन’ संबोधित कर रही थीं।

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बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने अपने पिता के घर में हुई तोड़फोड़ और आगजनी को लेकर युनूस सरकार को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने भी हमारे घर को छुआ तक नहीं था। इन दंगाइयों ने मेरे पिता के घर को जमींदोज कर दिया है। याद रखें कि इतिहास अपना बदला लेता है।

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बांग्लादेश में जब यह सूचना मिली कि बुधवार रात 9 बजे शेख हसीना संबोधन देने वाली है तभी से हसीना विरोधी खेमा सक्रिय हो गया। हसीना के इस संबोधन के खिलाफ सोशल मीडिया पर ‘बुलडोजर जुलूस’ का आह्वान किया गया। इसके बाद राजधानी के धानमंडी इलाके में स्थित शेख मुजीबुर रहमान के घर के सामने हजारों लोग शाम से ही एकत्र हो गए। हसीना के संबोधन के ठीक पहले इस घर में तोड़फोड़ और आगजनी शुरू कर दी गई।

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बता दें कि शेख मुजीबुर रहमान की मौत बांग्लादेश की आजादी के कुछ साल बाद ही हो गई थी। 1975 में उनकी हत्या कर दी गई थी। बाद में उनके ढाका स्थित आवास को एक स्मारक संग्रहालय में बदल दिया गया था।

पाकिस्तान ने भी मेरे पिता के घर को नहीं गिराया था

बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री और शेख मुजीबुर्रहमान की बेटी शेख हसीना ने कहा कि ढाका स्थित धनमंडी 32 आवास हमारे संस्थापक राष्ट्रपिता की निशानी था। इसी आवास से शेख मुजीबुर्रहमान ने आजादी का बिगुल बजाया था। पीएम शेख हसीना ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने उन्हें (शेख मुजीबुर्रहमान) इसी घर से गिरफ्तार किया था, लेकिन पाकिस्तानी सेना ने ना तो इस आवास को ढहाया और ना ही इसे आग के हवाले किया। इसे छुआ तक नहीं था। जब शेख मुजीबुर्रहमान बांग्लादेश लौटे तो उन्होंने इसी घर से देश की नींव खड़ी की। शेख हसीना ने कहा कि वह राष्ट्रपति बनने के बाद ना तो कभी प्रेसिडेंशियल पैलेस में शिफ्ट हुए और ना ही प्रधानमंत्री आवास में रहे। इसी घर में उनकी मेरे पूरे परिवार के साथ हत्या कर दी गई।

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क्या मैंने आपके लिए कुछ नहीं किया?’
हसीना का संबोधन आवामी लीग की अब भंग हो चुकी छात्र शाखा छात्र लीग द्वारा आयोजित किया गया था। पूर्व प्रधानमंत्री को भाषण से पहले ही अपने पिता के घर पर आगजनी और तोड़फोड़ की सूचना मिल गई थी। ऐसे में वह गुस्से में नजर आईं। उन्होंने कहा, ‘क्या मैंने आपके लिए कुछ नहीं किया? क्या मैंने काम नहीं किया? तो फिर मेरे उस घर में क्यों तोड़फोड़ की गई जहां से मेरे पिता ने आजादी का नारा दिया था? मुझे इंसाफ चाहिए।

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‘इतिहास बदला लेता है’
शेख हसीना ने अपने संबोधन में देशवासियों से वर्तमान शासन के खिलाफ संगठित प्रतिरोध करने का आह्वान किया। हसीना ने वर्तमान में बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस की सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘उनके पास अभी भी इतनी ताकत नहीं है कि वे राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और उस स्वतंत्रता को बुलडोजर से नष्ट कर सकें, जिसे हमने लाखों शहीदों के जीवन की कीमत पर अर्जित किया है। उन्होंने कहा, ‘वे इमारत को ध्वस्त कर सकते हैं, लेकिन इतिहास को नहीं। उन्हें यह भी याद रखना चाहिए कि इतिहास अपना बदला लेता है।

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