देहरादून. उत्तराखण्ड के सचिव गृह शैलेश बगौली की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में मादक पदार्थों की रोकथाम के संबंध में संबंधित विभागों और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गई. बैठक में राज्य को नशामुक्त बनाने और नशे के कारोबार से जुड़े अपराधियों पर समुचित लगाम लगवाने के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई.
सचिव गृह द्वारा स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया कि प्रदेश में संचालित सभी पुराने और नए नशा मुक्ति केंद्रों को राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण (SMHA) के अंतर्गत निर्धारित समय सीमा के भीतर अनिवार्य पंजीकरण कराने की कार्रवाई पूर्ण करें. साथ ही जिन केंद्रों द्वारा निर्धारित समयावधि के भीतर पंजीकरण नहीं कराया जाता है तो उक्त केंद्रों को तत्काल बंद किए जाने की कार्रवाई पूर्ण करें.
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उन्होंने निर्देशित किया कि प्रदेश में संचालित सभी पुराने और नए नशा मुक्ति केंद्रों की जांच किए जाने के दृष्टिगत समस्त जनपदों के लिए जांच समिति गठित करें और नियमित रूप से नशा मुक्ति केंद्रों का निरीक्षण करें. इसके साथ ही राज्य के समस्त जिला चिकित्सालय और मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षित चिकित्सकों की तैनाती सुनिश्चित करवाएं.
परीक्षण और पंजीकरण की जांच के निर्देश
सचिव गृह ने राज्य में संचालित सभी निजी नशा मुक्ति केंद्रों का मानसिक स्वास्थ्य देखरेख अधिनियम में उल्लेखित समय सीमा के अनुसार नियमित परीक्षण और पंजीकरण की जांच करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण का ढांचा बनवाने और राज्य मानसिक स्वास्थ्य नीति को जल्द से जल्द तैयार करने के संबंध में संबंधित विभागीय अधिकारियों को भी आवश्यक दिशा निर्देश दिए.
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