Swiggy Shares Fell: तीसरी तिमाही के नतीजों के बाद आज यानी गुरुवार 6 फरवरी को स्विगी के शेयरों में गिरावट आई है. कंपनी का शेयर करीब 21.85 (5.23%) की गिरावट के साथ 396.20 रुपये पर कारोबार कर रहा है. पिछले एक महीने में शेयर में करीब 25 फीसदी की गिरावट आई है.
स्विगी को 799 करोड़ का नुकसान
अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में स्विगी को 799 करोड़ रुपये (समेकित शुद्ध घाटा) का घाटा हुआ है. पिछले साल इसी तिमाही में कंपनी को 574 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. सालाना आधार पर कंपनी का घाटा 39 फीसदी बढ़ा है.
कंपनी का परिचालन से राजस्व 31 फीसदी बढ़कर 3,993 करोड़ रुपये हो गया. पिछले साल की इसी तिमाही यानी अक्टूबर-दिसंबर 2023-24 में कंपनी ने 3,049 करोड़ रुपये का रेवेन्यू कमाया था. सामान और सेवाओं को बेचने से होने वाली आय को रेवेन्यू कहते हैं.
बेंगलुरू से हुई थी स्विगी की शुरुआत (Swiggy Shares Fell)
स्विगी की शुरुआत बेंगलुरु के कोरमंगला से हुई थी. संस्थापक नंदन रेड्डी और श्रीहर्ष मजेटी ने कुछ डिलीवरी पार्टनर और करीब 25 रेस्टोरेंट को मिलाकर कंपनी की शुरुआत की थी. उस समय स्विगी ऐप पर मौजूद नहीं थी. इसलिए लोग इसकी वेबसाइट पर जाकर अपना पसंदीदा रेस्टोरेंट चुनते थे और खाना ऑर्डर करते थे.
लोगों को स्विगी की सर्विस पसंद आने लगी और इससे कंपनी को पहचान मिलने लगी. कंपनी ने 2015 के शुरुआती महीनों में अपना खुद का ऐप लॉन्च किया. ऐप की मदद से ग्राहक के लिए खाना ऑर्डर करना आसान हो गया.
स्विगी भारत की सबसे तेज यूनिकॉर्न कंपनी है. कंपनी को यूनिकॉर्न बनने में 4 साल से भी कम समय लगा. 2014 में शुरू हुई यह कंपनी 2018 तक 10 हजार करोड़ रुपए के वैल्यूएशन वाली कंपनी बन चुकी थी. आज भारत में कुल 67 यूनिकॉर्न हैं. जिसमें स्विगी और ड्रीम-11 शीर्ष भारतीय यूनिकॉर्न कंपनियों में शामिल हैं.
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