Donkey Route: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की डिपोर्टेशन पॉलिसी (Deportation Policy) ने दुनियाभर में उथल-पुथल मचा दी है। ट्रंप के आदेश के बाद अमेरिका (America) में रहे अवैध प्रवासियों (Illegal migrants) को उनके मुल्क भेजा जा रहा है। अमेरिका ने भारत के 104 अवैध प्रवासी भारतीयों को भारत भेज दिया है। अमेरिका से रवाना हुआ सी-17 विमान बुधवार को अमृतसर पहुंचा। जानकारी के मुताबिक, अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों को मेक्सिको-अमेरिकी सीमा से पकड़ा गया था। पूछताछ में इन लोगों ने लोग भारत से वैध तरीके से रवाना हुए थे, लेकिन इन्होंने ‘डंकी रूट’ के जरिए अमेरिका में घुसने की कोशिश की थी। इसके बाद से सोशल मीडिया और इंटरनेट पर डंकी रूट ट्रेंड करने लगा है।
इसी बीच, लोगों के मन में यह सवाल है कि डंकी रूट होता क्या है? अगर आपने शाहरुख खान की फिल्म ‘डंकी’ देखी है, तो आप समझ जाएंगे कि डंकी रूट क्या है और इस रास्ते दूसरे देशों तक पहुंचने वाले लोग किस तरह अपनी जान जोखिम में डालते हैं। आखिर क्या है ये डंकी रूट. कहां से से यह शब्द आया और किस तरह भारतीय गैरकानूनी तरीके से अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में एंट्री ले लेते हैं। चलिए जानते हैंः-
क्या होता है डंकी रूट?
डंकी रूट एक ऐसा रूट होता है जो कई देशों से होकर गुजरता है। इसे लोग विदेश जाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। पंजाब में डंकी का मतलब एक जगह से दूसरी जगह उछलकर या कूदकर पहुंच जाना होता है। यही वजह है कि भारत से विदेश पहुंचने के रूट को डंकी रूट कहा जाता है। डंकी शब्द पंजाबी भाषा के ‘डुंकी’ से आया है, जिसका अर्थ एक स्थान से दूसरे स्थान पर कूदना होता है। सीमा नियंत्रण से बचने के लिए यह एक जोखिम भरी और लंबी यात्रा होती है।
इस रूट के जरिए लोग कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों में दाखिल होते हैं। पहले इस रूट का इस्तेमाल खूंखार अपराधी देश छोड़कर भागने के लिए करते थे, लेकिन अब विदेश जाने का सपना देखने वाले हजारों लोग इसके जरिए अपने पसंदीदा देश में दाखिल हो रहे हैं।
डंकी रूट कब सुर्खियों में आया
दिसंबर 2023 में डंकी रूट तब सुर्खियों में आया था जब फ्रांस ने दुबई से निकारागुआ जा रहे 303 भारतीय यात्रियों वाले एक चार्टर विमान मानव तस्करी के संदेह में रोक दिया था। इनमें से ज्यादातर को वापस भारत भेज दिया गया था।फरवरी 2024 में न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने डंकी रूट से अमेरिका जाने वाले भारतीयों के बारे में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, जो डंकी रूट अपनाकर अमेरिका गए थे, उनके परिवारों ने बताया था कि मानव तस्कर दिल्ली और मुंबई से प्रवासियों को टूरिस्ट वीजा पर यूएई ले जाते हैं। वहां से उन्हें वेनेजुएला, निकारागुआ और ग्वाटेमाला जैसे लैटिन अमेरिका के कई ट्रांजिट बिंदुओं से होकर अमेरिका-मेक्सिको सीमा तक पहुंचाया जाता है। वहां इन लोगों को हैंडलर की ओर से यह भी बताया जाता है कि सीमा पार करते समय पकड़े जाने पर कैसे उत्पीड़न का हवाला देकर शरण का दावा किया जाए।
हर कदम पर खतरा
डंकी रूट बिल्कुल भी सेफ नहीं होता है, इसमें हर कदम पर खतरे होते हैं और कई लोगों की मौत भी हो जाती है। ये रूट सबसे ज्यादा खतरनाक इसलिए होता है, क्योंकि इसमें कई देशों की सीमाओं को पार करना होता है। ऐसे में कई बार सीमा पर तैनात जवान अवैध तरीके से घुसपैठ करने वाले लोगों को गोली मार देते हैं। वहीं कुछ मामलों में लोग भीषण ठंड या फिर भूख से भी मर जाते हैं।
मानव तस्करों को देने पड़ते हैं लाखों रुपये
डंकी रूट एक लंबा और बेहद मुश्किल सफर होता है। डंकी रूट से एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने में कई बार महीनों लग जाते हैं। इसमें लोग अवैध तरीके से ट्रक, विमान या नाव, पैदल चलकर या जंगलों के रास्ते एक देश से दूसरे देश जाते हैं। इस दौरान उन्हें खराब मौसम, भूख, बीमारी, दुर्व्यवहार और कभी-कभी मौत का भी सामना करना पड़ता है। इस यात्रा के दौरान लोगों को छुपकर रहना पड़ता है, क्योंकि अगर किसी की नजरों में आए तो पकड़े जाने का खतरा रहता है। डंकी रूट अपनाने के लिए लोगों को मानव तस्करों को लाखों रुपये देने पड़ते हैं। मानव तस्कर भी यह काम छुपकर और अवैध तरीके से करते हैं।
ऐसे गुजारते हैं अपनी जिंदगी
जो लोग अपनी जान दांव पर लगाकर डंकी रूट से अमेरिका या फिर किसी और देश में दाखिल हो जाते हैं, वो यहां किसी ऐसी जगह रहते हैं जहां पुलिस का आना जाना कम होता है। साथ ही ऐसी नौकरी करते हैं, जिसमें उनसे डॉक्यूमेंट नहीं मांगे जाते। ये लोग ऐसी जगहों पर जाने से भी बचते हैं, जहां पुलिस या फिर अधिकारियों की नजरें उन पर पड़ें। ऐसे लोगों को पकड़ने के लिए तमाम देशों की पुलिस रेड करती है, जिसमें कई लोग पकड़े जाते हैं। पकड़े जाने के बाद उन्हें डिटेंशन कैंप में भेज दिया जाता है और फिर डिपोर्टेशन का प्रोसेस शुरू होता है। अमेरिका में ऐसे लोगों की संख्या 1 करोड़ 10 लाख से ज्यादा बताई जाती है।
डंकी रूट के ट्रैवल एजेंटों की पहचान करेगी पंजाब पुलिस
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि पुलिस निर्वासित व्यक्तियों से संपर्क कर सकती है, ताकि उन अवैध ट्रैवल एजेंटों की पहचान की जा सके, जिन्होंने उन्हें डंकी रूट और ऐसे अन्य अवैध चैनलों के माध्यम से मोटी रकम वसूल कर विदेश भेजा था। पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि सरकार निर्वासित व्यक्तियों के साथ सामान्य व्यवहार करेगी। हालांकि, उन्होंने कहा, “अगर किसी की आपराधिक पृष्ठभूमि है, तो उसकी जांच की जाएगी और जहां आवश्यक हो, उचित कार्रवाई की जाएगी। हमें उनकी पहचान और उनके खिलाफ किसी आपराधिक मामले के बारे में पता नहीं है, लेकिन हम केंद्रीय एजेंसियों के संपर्क में हैं।
किन राज्यों के लोग सबसे ज्यादा हो रहे प्रभावित?
पंजाब, हरियाणा , गुजरात और पश्चिम उत्तर प्रदेश के अलावा केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के लोग भी बड़ी संख्या में इस रूट से जाने की कोशिश कर रहे हैं। पश्चिमी देशों में रोजगार और बेहतर जीवन की उम्मीद में लोग अपनी जमा पूंजी खर्च कर इस खतरनाक रास्ते को अपनाते हैं।
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