Rajasthan Budget Session 2025: राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में गुरुवार को पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ ने एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) द्वारा पिछले तीन वर्षों में पकड़े गए भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों से जुड़ा डेटा सरकार से मांगा। उन्होंने यह भी सवाल किया कि 31 दिसंबर 2024 तक कितने मामलों में एसीबी ने अभियोजन स्वीकृति के लिए सरकार को अनुरोध भेजा और उनका वर्तमान स्टेटस क्या है?

403 भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई लंबित

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने लिखित जवाब देते हुए सदन को जानकारी दी कि 1 जनवरी 2022 से 31 दिसंबर 2024 तक राजस्थान एंटी करप्शन ब्यूरो ने कुल 1592 अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मांगी थी। इनमें से 1189 अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की अनुमति दी जा चुकी है, जबकि 403 भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ स्वीकृति अभी भी लंबित है।

अभियोजन स्वीकृति में देरी पर उठे सवाल

इस उत्तर के बाद कालीचरण सराफ ने सरकार से पूछा कि विजिलेंस कमिश्नर ने सभी विभागों के HOD को अधिकतम 3 महीने में अभियोजन स्वीकृति देने के आदेश दिए थे, फिर भी इतने मामले लंबित क्यों हैं?

मंत्री ने बताया क्यों हो रही है देरी

मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने जवाब देते हुए कहा कि अभियोजन स्वीकृति से पहले डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन, विभागीय प्रक्रिया, कोर्ट के स्टे आदेश, कर्मचारी का अनुबंध पर होना या मृत्यु हो जाना जैसी कई वजहों से मामला लंबित हो सकता है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि 1592 में से 403 मामलों में अभियोजन स्वीकृति हेड ऑफ डिपार्टमेंट (HOD) स्तर पर पेंडिंग है। गजेटेड ऑफिसर्स के मामलों में अभियोजन स्वीकृति DOP (डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल) से दी जाती है। नॉन-गजेटेड ऑफिसर्स के मामलों में HOD से स्वीकृति मिलती है। मंत्री ने आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव स्तर पर इन मामलों की समीक्षा लगातार की जा रही है, ताकि लंबित मामलों को जल्द से जल्द निपटाया जा सके।

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