महाराष्ट्र में नवनिर्वाचित सरकार के गठन से पहले से ही राजनीतिक बहस जारी है. उद्धव ठाकरे(Uddhav Thackeray) की शिवसेना (UBT) ने हाल ही में पार्टी के रेलवे मजदूर संघ, रेलवे कामगार सेना के एक कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में संस्थाओं का गला घोंटा जा रहा है. उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्होंने न तो भगवा झंडे और न ही अपने आदर्शों को छोड़ा है.

केंद्र की बीजेपी नीत NDA सरकार ने रेल बजट को मुख्य बजट में शामिल किया है, जैसा कि उद्धव ठाकरे ने कहा, “सिर्फ इसलिए कि हम धैर्यवान हैं इसका मतलब यह नहीं है कि हम कायर हैं. रेलवे के लिए पहले अलग बजट होता था और रेलवे विभाग का कुछ महत्व था, लेकिन इस सरकार के सत्ता में आने के बाद हर संस्थान का गला घोंटा जा रहा है.

उद्धव ठाकरे: मुंबई के दादर में रेल कामगार सेना के कार्यक्रम में, शिवसेना पार्टी के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस सरकार को घेरकर उन्हें ‘ईवीएम सरकार’ कहा और कहा कि चुनाव के ऐसे नतीजे आ ही नहीं सकते. उन्होंने रेल प्रशासन की भी जमकर आलोचना की और भूमिपुत्रों का मुद्दा फिर से उठाया.

शिवसेना यूबीटी के प्रमुख ने कहा, “”पहले की सरकार असंवैधानिक सरकार थी अब ईवीएम सरकार है इस सरकार ने बीएमसी को गड्डे में डाल दिया है. बीएमसी खत्म, बेस्ट और एसटी भी खत्म कर रहे हैं. सब खत्म कर रहे हैं. हमारे भूमिपुत्रों के लिए शुरू की गई कोंकण रेल गोरखपुर क्यों ले गए? सूरत या अहमदाबाद से ट्रेन डायवर्ट क्यों नहीं करते?”

BMC को कंगाल बनाया जा रहा

उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) और बेस्ट (BEST) जैसे संस्थाओं का गला घोंटा जा रहा है. उनका दावा था कि MSRTC घाटे में है और सबसे अच्छी देखभाल करने वाला कोई नहीं है. बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) को कंगाल बनाने का प्रयास किया जा रहा है.

उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमें सरकार को अल्टीमेटम देना होगा अगर छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर महाराज की प्रतिमा अभी तक नहीं लगी है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर समय सीमा के अंदर प्रतिमा नहीं लगी तो उनके नेता और कार्यकर्ता खुद उसकी स्थापना करेंगे.

रेवने वर्कर्स पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में उद्धव ठाकरे ने कहा, “लोगों को पार्टी में शामिल होने के लिए आरक्षण चाहिए, लेकिन अगर थोड़ी भी देर हो जाए तो रिजर्वेशन के बाद भी कोच और ट्रेन बदल लेते हैं. जिन लोगों का कोई उद्देश्य ही नहीं है, वे कभी मंच पर आते हैं और कभी चले जाते हैं.”