![](https://lalluram.com/wp-content/uploads/2024/11/lalluram-add-Carve-ok.jpg)
प्रयागराज. महाकुंभ में देश-दुनिया के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालुओं के आने सिलसिला जारी है. श्रद्धालु बड़ी संख्या प्रयागराज पहुंचकर गंगा स्नान कर रहे हैं. गंगा स्नान करने वालों का आंकड़ा 40 करोड़ से पार पहुंच गया है. लोगों में गंगा स्नान करने को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. सरकार ने अनुमान लगाया था कि महाकुंभ में 45 करोड़ लोग पहुंचेंगे. ऐसे में ये आंकड़ां जल्द ही पूरा होने वाला है. माना तो ये भी जा रहा है कि अनुमान से ज्यादा श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए पहुंचेंगे.
इसे भी पढ़ें- हादसा या हत्या की कोशिश? लड़कों ने पहले 5 छात्राओं का किया पीछा, फिर तेज रफ्तार में कार से रौंदा, उसके बाद…
45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान
महाकुंभ में इस बार 45 करोड़ श्रद्धालुओं के पवित्र संगम में स्नान करने का अनुमान है. हर 12 साल बाद लगने वाले इस कुंभ में 144 साल बाद खास संयोग बन रहा है, क्योंकि अब तक 12 कुंभ पूरे हो चुके हैं. इसी वजह से इसे महाकुंभ कहा जा रहा है और इसमें आने वाला श्रद्धालुओं की संख्या पहले के किसी भी कुंभ से ज्यादा है. ऐसे में कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की गिनती के लिए यूपी सरकार ने हाईटेक उपकरणों का सहारा लिया है और इस बार AI बेस्ड कैमरे की मदद से लोगों की गिनती की जा रही है.
महाकुंभ क्यों मनाया जाता है
पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश के लिए देवताओं और असुरों के बीच 12 दिन घमासान युद्ध हुआ. अमृत को पाने की लड़ाई के बीच कलश से अमृत की कुछ बूंदें धरती के चार स्थानों पर गिरी थीं. ये जगह हैं प्रयागराज, उज्जैन, हरिद्वार और नासिक. इन्हीं चारों जगहों पर कुंभ का मेला लगता है. जब गुरु वृषभ राशि में और सूर्य मकर राशि में होते हैं तब कुंभ मेला प्रयागराज में आयोजित किया जाता है. जब गुरु और सूर्य सिंह राशि में होते हैं, तब कुंभ मेला नासिक में आयोजित होता है. गुरु के सिंह राशि और सूर्य के मेष राशि में होने पर कुंभ मेला उज्जैन में आयोजित होता है. सूर्य मेष राशि और गुरु कुंभ राशि में होते हैं, तब हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें