हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को बहुत पवित्र माना जाता है और इस दिन व्रत रखने का विशेष महत्व होता है. 8 फरवरी को जया एकादशी का व्रत रखा जाएगा. एकादशी व्रत के दिन कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है, ताकि व्रत का पूरा पुण्य प्राप्त हो सके. नीचे वे कार्य दिए गए हैं जिन्हें एकादशी तिथि पर नहीं करना चाहिए. एकादशी का व्रत शारीरिक और मानसिक शुद्धि के लिए रखा जाता है, इसलिए इस दिन संयम और सत्कर्मों का पालन करना आवश्यक होता है. उपरोक्त बातों का ध्यान रखकर व्रत करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है.

शारीरिक संबंध न बनाएं

  • एकादशी के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करने की सलाह दी जाती है.
  • पति-पत्नी को इस दिन संयम रखना चाहिए, क्योंकि यह आध्यात्मिक शुद्धि का दिन होता है.

बाल और नाखून न काटें

शास्त्रों के अनुसार, इस दिन बाल कटवाना, दाढ़ी बनवाना और नाखून काटना शुभ नहीं माना जाता.

दोपहर के समय नहीं सोना चाहिए

  • इस दिन दोपहर में सोने से व्रत का प्रभाव कम हो जाता है और मानसिक आलस्य बढ़ता है.
  • रात को देर तक जागकर भगवान का ध्यान करना लाभकारी होता है.

तामसिक वस्त्र न पहनें

एकादशी के दिन काले रंग के वस्त्र पहनने की मनाही होती है, सफेद या हल्के रंगों के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है.

घर में कलह या अशांति न करें

  • परिवार में किसी से विवाद नहीं करना चाहिए.
  • घर में सुख-शांति बनाए रखने के लिए प्रेमपूर्वक व्यवहार करना चाहिए.

दान और सेवा से न चूकें

  • एकादशी के दिन दान, पुण्य और सेवा करना अत्यंत शुभ होता है.
  • गरीबों को भोजन कराना, वस्त्र दान करना और जरूरतमंदों की सहायता करना व्रत का पुण्य बढ़ाता है.